बोले फिरोजाबाद: सड़क-नाली बिना बीत रही जिंदगानी
Firozabad News - फिरोजाबाद के वार्ड नंबर 35, भाऊ के नगला की बस्ती में लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। यहां न तो सड़कें हैं और न ही नालियां। गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।...

गोविंद नगर के निकट बस्ती। वार्ड नंबर 35 भाऊ के नगला की इस बस्ती में घुसते ही बाइक डगमगाने लगती है। पक्की सड़कों के जाल से घिरे हुए भाऊ के नगला में स्थित इस बस्ती में कहीं नालियां तक नहीं हैं। घरों का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है या फिर कच्ची सड़क में से खुद ही रास्ता बनाकर दौड़ रहा है खाली प्लॉट में। कई जगह पर उठती दुर्गंध सवाल खड़े करती है कि क्या हम फिरोजाबाद के उसी स्मार्ट सिटी में हैं, जिसमें स्वच्छता के नारे पर निगम लाखों रुपये खर्च कर रहा है लेकिन अपने ही निगम क्षेत्र की इन बस्तियों में सफाई पर संजीदा नहीं है। सालों से लोग सड़कों का इंतजार कर रहे हैं। डर है कि कहीं इस बरसात में भी कई फुट पानी में से न गुजरना पड़े।
स्मार्ट सिटी बनने का दावा कर रहे फिरोजाबाद नगर निगम की कई बस्तियां मूल भूत सुविधाओं के लिए भी तरस रही हैं। सड़कों के नाम पर लोग कच्ची गलियों का दर्द झेल रहे हैं तो इन पर सफाई भी नहीं होती है। नालियां न होने से घरों का पानी आसपास के खाली प्लॉट में एकत्रित हो कर बीमारियों को न्यौता दे रहा है। स्वच्छता का संदेश देने के नाम पर निगम ने शहर की दीवारें पुतवा दी हैं लेकिन हकीकत यह है कि लाखों-करोड़ों की फोटो, बैनर एवं होर्डिंग्स से शहर की सफाई नहीं होती है। निगम को अगर स्वच्छता का संदेश देना है तो पहले इन गलियों पर ध्यान देना होगा, जहां लोग मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं, लेकिन निगम बनी-बनाई सड़कों पर लाखों खर्च कर सड़कों को ऊंचा उठाती जा रही है तो घर गड्ढों में जाते दिख रहे हैं।
हिन्दुस्तान के बोले फिरोजाबाद के तहत वार्ड नंबर 35 भाऊ के नगला की गोविंद नगर के निकट स्थित बस्ती के लोगों से संवाद किया तो छूटते ही लोगों ने कहा कि हमें तो लगता ही नहीं है कि नगर निगम में रहते हैं। टैक्स जरूर नगर निगम का भरते हैं लेकिन निगम आज तक यहां पर सड़क का भी निर्माण नहीं कर पाई है। लोगों की बात सही भी थी इस बस्ती में कहीं भी सड़क तो छोड़िए, घरों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी के लिए नालियां भी नहीं हैं। नालियां सड़कों पर बह रही हैं तो इसके चलते बिन बरसात भी कई बार कीचड़ के हालात बन जाते हैं। मोहल्ले के बच्चों को बरसात में परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई फुट पानी भर जाने से बच्चे निकल नहीं पाते हैं तो कई दिन तक स्कूल की भी छुट्टी हो जाती है तो कई घरों के लोग भी कई फुट पानी भरा होने से घरों में ही कैद होकर रहते हैं।
बरसात में भर जाता है कई-कई फुट पानी
क्षेत्र में बरसात में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कच्ची गलियां होने एवं पानी की निकासी न होने से कई-कई फुट पानी भर जाता है। इस स्थिति में कई बार तो बाइक लेकर भी अपने घरों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। काम पर जाने वाले लोग किसी तरह से घर से बाहर निकलते हैं। बच्चे दिन दिन भर घरों में ही कैद होकर रह जाते हैं। बरसात में प्लॉट में जमा गंदगी भी जलभराव होने से दुर्गंध देने लगती है। इस स्थिति में आसपास के घरों में रहने वालों पर बीमारियां का भी खतरा मंडराता है।
-इनकी भी सुनो-
वार्ड नंबर 35 के इस मोहल्ले की समस्याओं को कई बार निगम में उठाया गया है। बोर्ड बैठक में भी इस संबंध में हमने प्रस्ताव रखा है। नगर निगम में लगातार क्षेत्र के विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं, ताकि क्षेत्र की इन गलियों का निर्माण हो सके। नालियां बन जाने से इस क्षेत्र की भी कई समस्याओं का प्रमुखता से निदान हो पाएगा। इसके लिए हम निगम के लगातार संपर्क में हैं।
-अभिनेंद्र यादव, पार्षद
मन की बात
नगर निगम स्मार्ट सिटी के नाम पर बनी हुई सड़कों पर पानी की तरह पैसा बहा रहा है, लेकिन जिन इलाकों में यह वोट मांगने के लिए आते हैं, उन इलाकों की हालत पर किसी नेता का ध्यान नहीं है।
-शांति देवी
घर से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी के इंतजाम नहीं है। घर के बाहर गड्ढा खोद कर किसी तरह से उसमें गंदा पानी एकत्रित करते हैं। सुबह शाम नहाने से पहले इसको फेंकना पड़ता है। निगम की लापरवानी से जीना मुस्किल हो रहा है।
-मुन्नी देवी
करोड़ों रुपये से विकास का दावा नगर निगम कर रहा है, लेकिन न जाने यह विकास हो कहां रहा है। हमारे यहां पर तो अगर सड़क नहीं बनवा सकते हैं तो कम से कम नालियां ही बनवा दें, ताकि किसी तरह से काम चल सके।
-मान सिंह
सड़क से राह गुजरने में दिक्कत आती है। हर घर के आगे से गंदा पानी सड़क को क्रॉस कर खाली प्लॉट में जा रहा है। कच्ची गलियों में कीचड़ की स्थिति बन जाती है। निगम कम से कम खड़ंजा बवाने के साथ नालियां ही बनवा दे।
-धर्मपाल
नगर निगम को पहले उन क्षेत्रों में विकास की तरफ ध्यान देना चाहिए, जिन क्षेत्रों में अभी तक विकास की किरण नहीं पहुंची है। जनप्रतिनिधियों को देखना चाहिए कि इन बस्तियों में लोग किस तरह से रह रहे हैं।
-ज्योति
क्षेत्र में न तो सड़कें हैं, न ही गलियों की सफाई होती है। आसपास प्लॉट में गंदगी होने से मच्छरों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है, जिसके चलते दिन में भी घर में चैन से नहीं बैठ पाते हैं। इससे बीमारियों का खतरा फैल रहा है।
-मंजू देवी
बरसात में जलभराव होने से काफी दिक्कतें बढ़ जाती है। कच्ची गलियों में पानी भर जाने से लोग ठोकरें खाते हैं। बच्चों के भी चुटैल होने का खतरा रहता है, लेकिन इस तरफ निगम का कोई भी ध्यान नहीं है।
अनिल यादव
बड़ी उम्मीदों के साथ में क्षेत्र में मकान लिया था, लेकिन अब तक नगर निगम यहां पर सड़क तक नहीं बनवा पाया है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़क पर खुद ही रास्ता बनाते हुए प्लॉट में पहुंच रहा है तो इससे कच्ची गली में भी कीचड़ रहती है।
-सौरभ जैन
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