बोले फिरोजाबाद: वक्त हर जख्म का मरहम न बना, दर्द कुछ होते हैं ता उम्र रुलाने वाले
Firozabad News - फिरोजाबाद में नशे की लत से पीड़ित परिवारों के लिए जमाअत ए इस्लामी हिन्द ने नशा मुक्ति अभियान शुरू किया है। नशे की दुकानों के सामने लंबी कतारों से प्रभावित युवा और मजदूर नशे की गिरफ्त में हैं। संगठन का...
नशा हर किसी की हस्ती को मिटाने के लिए काफी होता है। तमाम परिवारों को नशा अपने आगोश में लेकर खत्म कर चुका है। इसके चंगुल में फंसने के बाद लोग बाहर निकलने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनके आसपास का माहौल नशेबाजों से घिरा होने के चलते नाकाम रहते हैं। ऐसे में नशे की लत को छुड़वाने के लिए परिवार के लोगों को आगे आना चाहिए। तमाम परिवार ऐसी कोशिश भी कर रहे हैं लेकिन वे न तो नशे की लत को छुड़वा पा रहे हैं और न परिवार की आर्थिक स्थिति को सही कर पा रहे हैं। ऐसे में जमाअत ए इस्लामी हिन्द ने इससे लड़ने का बीड़ा उठाया है। नशा मुक्ति अभियान को लेकर संस्था ने अपना खाका भी तैयार किया है।
फिरोजाबाद का एक बड़ा वर्ग इस समय नशे की गिरफ्त में आ चुका है। नशे की दुकानों पर सुबह से ही लोगों की लाइनें लग जाती हैं और देर रात तक शराब पीने का दौर चलता है। सबसे ज्यादा प्रशासन और आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के गैरजिम्मेदारान रवैया के चलते भी कई परिवार इस नशे की गिरफ्त में सुबह आंख खुलने के समय से आ जाते हैं। जगह जगह देशी शराब की दुकानों के नाम पर जो ठेका खोले गए हैं वहां पर दरवाजे की आड़ से और खिड़की से लगातार शराब मिलती रहती है।
मजेदार बात तो यह है कि शराब को खुले में बिक्री नहीं किया जा सकता लेकिन फिरोजाबाद में ऐसा आसानी से हो जाता है। आपके पास रुपये हों तो ग्लास में तत्काल शराब का पैग अंदर से बनाकर हाजिर कर दिया जाता है। उसमें पानी मिलाकर या मिश्रित शराब दी जा रही है इसकी कोई गारंटी नहीं होती। सुबह जो मजदूर अपनी मजदूरी पर जाना चाहिए वह शराब के इन ठेकों पर लगता हुआ दिखाई देता है। अधिकारियों द्वारा रात को और सुबह के समय चेकिंग नहीं की जाती।
इनको मूक छूट का नतीजा है कि वे शराब के नशे में सुबह ही आ जाते हैं। अगर काम पर चले जाएं तो नशे में इसको गोदामों में करने के बाद लौटते समय फिर देर रात भी इनको शराब मिल जाती है। लोगों द्वारा नशे की हालत में महिलाओं के साथ मारपीट की जाती है। तमाम परिवारों को यह शराब बर्बादी के कगार पर पहुंचा चुकी है और उतने ही परिवार बर्बादी के लिए तैयार हैं। शुरुआत में भले ही शौक के लिए शराब के सेवन किया जाए लेकिन लत पड़ने पर इसके आदी हो जाते हैं।
चूड़ी और कांच से जुड़े फिरोजाबाद के कारोबार में मजदूर वर्ग से लेकर हर वर्ग का व्यक्ति शराब को लेकर परेशान है। परिवार के सदस्यों की घर वापसी भी चाहते हैं। इस काम में अब फिरोजाबाद का जमाअत ए इस्लामी हिन्द संगठन जो फिरोजाबाद के नालबंदान चौराहे पर स्थित है, सामने आया है। इस संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि वह चाहते हैं कि शराब के नशे से जितने लोग आजाद हो जाएं और इसे छोड़ दें तो संगठन अपने काम में सफल हो जाएगा।
हिन्दू और मुस्लिम ऐसे जुड़ेंगे: हिन्दू और मुस्लिम समुदाय को जोड़ने के लिए जमाअत ए इस्लामी हिंद द्वारा हिन्दी और उर्दू में इन फोल्डर्स और पेंपलेट्स को छपवाया गया है। इससे दोनों समुदाय के लोग आसानी से शराब से होने वाली परेशानियों और बर्बादी को बताया जाएगा।
नशे को लेकर इस्लाम का दृष्टिकोण स्पष्ट है। इस्लाम किसी भी हालत में नशा करने की अनुमति नहीं देता है लेकिन इसके बाद भी बढ़ी संख्या में समाज के लोग इसकी गिरफ्त में हैं। उन मुस्लिम भाइयों को इस्लाम से जोड़कर सुधारा जाएगा।
-सारिक बदर
हमारा मानना है कि दुनियां का जीवन वास्तविकत जीवन नहीं है। इसके बाद दूसरा पारलौकिक जीवन होगा। इसमें इंसान अपने अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब देगा। ऐसे में ईश संयम की अवधारणा के तहत इंसान बुरे कामों से रुक सकता है।
-नवी अफगानी
हर धर्म में नशा करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं न नशे की इजाजत है। जिसने भी इस लत को पाला है वह खुद और परिवार को बर्बाद कर देता है। हम इस नशा मुक्ति के माध्यम से हर वर्ग के लोगों को इस बुराई से बाहर लाने का काम करेंगे।
-धर्म सिंह यादव, एडवोकेट
जमाअत ए इस्लामी हिन्द एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक संगठन है। यह संगठन एक ऐसे समाज का निर्माण चाहता है जहां पर सुख शांति और न्याय हो। हमारा समाज हर स्तर की बुराइयों को समाप्त करने का प्रयास करेगा।
-मोहम्मद आकिब
युवा पीढ़ी इसका शिकार होती जा रही है। अगर नशे को हमारे समाज में नहीं रोका गया तो आगे चलकर इसके परिणाम घातक होंगे। सही मायने में नशा ऐसी बीमारी है जो लोगों के परिवारों की जड़ों को खोखला करने में लगी है।
-निखत परवीन
शराब की बुराई के कारण युवा पीढ़ी अपनी क्षमता व भविष्य को खो रही है। अपराध, और स्वास्थ्य समस्याएं सहित आर्थिक तंगी जैसी समस्याएं इन शराब पीने वालों के आगे जन्म ले रही हैं। यही कारण है कि वे परिवार के सदस्यों से मारपीट करते हैं।
-शबनम सिद्दीकी
नशा समाज के लिए एक अभिशाप है। वर्तमान समय में नशे के विभिन्न रूपों जैसे शराब, ड्रग्स, गांजा, भांग आदि के प्रयोग करने से लगातार लोगों के परिवारों में बिखराव आ रहा है। परिवारों के टूटने के मामले थाने पहुंच रहे हैं।
तहसील सगीर
कालेज की छात्राओं और समाज की महिलाओं को नशा मुक्ति के अभियान से जोड़ा जाएगा। महिलाएं युवकों को सीधे रास्ते पर लाने और काउंसलिंग कराने में मददगार साबित होंगी। वहीं छात्राएं अपने परिवार के सदस्यों को समझाएंगीं तो बदलवा लाएगा।
-अफजाल अहमद
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