बोले फिरोजाबाद: बेटियों की फीस कम करें, वक्त पर मिले छात्रवृत्ति
Firozabad News - फिरोजाबाद में दाऊदयाल गर्ल्स महाविद्यालय की छात्राएं कॉलेज जाने में जाम, छात्रवृत्ति की कमी और मंगल बाजार में चोरी की घटनाओं से परेशान हैं। छात्राएं बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और कोचिंग सेंटर की मांग कर...

कॉलेज जाते वक्त उन्हें जाम से जूझना पड़ता है। कभी कॉलेज के लिए देर हो जाती तो कभी दूसरी समस्याएं। इधर सरकार बेटियों को पढ़ाने पर जोर दे रही है तो दूसरी तरफ बेटियां छात्रवृत्ति का इंतजार कर रही हैं। कई की पिछले वर्ष की छात्रवृत्ति अब तक नहीं आई है। ऐसे में कुछ की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। उधर दाऊदयाल गर्ल्स महाविद्यालय के सामने लगने वाले मंगल बाजार से चोरी का खतरा बढ़ता जा रहा है। कई छात्राओं के पर्स चोरी हो चुके हैं तो उनके कागज भी गायब हैं। इधर पढ़ी लिखी ये छात्राएं फिरोजाबाद में स्वास्थ्य सेवाओं पर भी खुलकर बात करती हैं। मानसिक स्वास्थ्य के लिए यहां पर बेहतर चिकित्सा न होने की बात हो या फिर अन्य सुविधाएं। छात्राओं का कहना है कि छात्राओं के लिए जरूरी है एक कोचिंग सेंटर...।
फिरोजाबाद में कई छात्राएं हैं, जिनके अरमान ऊंचे हैं तो ख्वाब भी सरकारी नौकरी के, लेकिन सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ने वाली इन छात्राओं को जरूरत है बेहतर सुविधाओं की। छात्राओं की मानें तो पहले तो उनके कॉलेज की डगर में पड़ने वाली बाधाओं को दूर किया जाए। चाहे वो जाम की समस्या हो या फिर अन्य दिक्कतें। इसके साथ में उन्हें बेहतर गाइडेंस देने के लिए एक कोचिंग सेंटर का भी संचालन कराया जाए ताकि बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ की सरकार की मंशा यथार्थ के धरातल पर उतर सके। वहीं मंगल बाजार भी दाऊदयाल गर्ल्स महाविद्यालय की छात्राओं के लिए दिक्कत बन चुका है तो कइयों के पर्स चोरी हो चुके हैं।
हिन्दुस्तान ने बोले फिरोजाबाद के तहत दाऊदयाल गर्ल्स महाविद्यालय में छात्राओं से संवाद किया तो कई दिक्कतें सामने आईं। छात्राओं ने छूटते ही कहा कि फिरोजाबाद में सबसे बड़ी समस्या जाम एवं ई रिक्शा की है। इसके चलते कॉलेज आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार स्कूल के लिए भी देर हो जाती है। वहीं कई छात्राएं स्कॉलरशिप नहीं मिलने से भी परेशान दिखाई दीं। इनमें से कई की पढ़ाई स्कॉलरशिप पर निर्भर है। कॉलेज में तय समय पर ही फीस जमा होती है, इस स्थिति में इन्हें कॉलेज की फीस भरने के लिए किसी तरह से धनराशि की व्यवस्था करनी पड़ती है।
कई छात्राएं तो घर पर चूड़ी का काम करते हुए अपनी फीस की व्यवस्था जुटाती हैं। छात्राओं का कहना था कि सरकार बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ पर देती है तो वक्त पर छात्राओं को छात्रवृत्ति दिलाने की व्यवस्था करनी चाहिए। वहीं उच्च शिक्षा की बढ़ती हुई फीस को कम करने की मांग करते हुए कहा कि अगर उच्च शिक्षा सस्ती होगी तो छात्राओं को भी इसका लाभ मिल सकेगा तथा कई अन्य छात्राएं भी उच्च शिक्षा से जुड़ सकेंगी, जो महंगी शिक्षा होने के कारण किसी वजह से कॉलेजों में दाखिला नहीं ले पाती हैं।
राहों पर शीतल पेय की कराई जाए व्यवस्था
छात्राओं को कहना है कि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। इस स्थिति में शहर में नगर निगम को जगह-जगह पर शीतल पेयजल की व्यवस्था करनी चाहिए। यह शहर की बड़ी जरूरत है। राहगीरों को राह चलते वक्त परेशानी का सामना करना पड़ता है तो छात्राओं को भी कॉलेज आते-जाते वक्त परेशानी से जूझना पड़ता है। इस स्थिति में इसकी व्यवस्था करने की जरूरत है।
मंगल बाजार एवं ऑटो से चोरी होते हैं पर्स
छात्राएं बढ़ती चोरी की घटनाओं से परेशान दिखाई दी। किसी छात्रा का मोबाइल ऑटो से चोरी हो जाता है तो किसी का मंगल बाजार से पर्स चोरी हो चुका है। कई छात्राएं इस तरह की घटनाओं की शिकार हो चुकी हैं। छात्राओं का कहना है कि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को प्रयास करना चाहिए। वहीं कॉलेज के सामने से मंगल बाजार को हटाना चाहिए, ताकि कॉलेज आते वक्त छात्राएं इस तरह की घटनाओं की शिकार नहीं हो सकें।
स्वास्थ्य सेवाओं को बनाना होगा बेहतर
वहीं छात्राओं का कहना था कि फिरोजाबाद में स्वास्थ्य सेवाएं भी पर्याप्त न होने के कारण परेशानी होती है। घर पर कई बार किसी सदस्य के बीमार होने पर उन्हें उपचार के लिए आगरा जाते हुए देखने वाली छात्राओं का कहना था कि फिरोजाबाद में मेडिकल कॉलेज भी बन गया है, लेकिन इसके बाद भी बेहतर स्वास्थ्य सेवा इस क्षेत्र में नहीं हैं। इसके लिए प्रयास करने चाहिए, ताकि लोगों को इलाज के लिए आगरा की दौड़ नहीं लगानी पड़े।
छात्राओं की बात
छात्राओं को छात्रवृत्ति का वितरण समय पर होना चाहिए, क्योंकि कई छात्राओं की पढ़ाई इस पर निर्भर करती है। निर्धन व जरूरतमंद छात्राओं के लिए सरकारी स्तर पर एक कोचिंग सेंटर होना चाहिए। स्कूल आते-जाते वक्त जाम की समस्या से छात्राओं को जूझना पड़ता है। अब गर्मियों में जाम से परेशानी और बढ़ेगी। शहर की यातायात व्यवस्था को पुलिस को दुरस्त करना चाहिए, ताकि स्कूल आते-जाते वक्त छात्राओं को परेशानी का सामना न करना पड़े। -सपना यादव
विश्वविद्यालय प्रशासन ने वेब पंजीकरण शुल्क में अचानक बढ़ोत्तरी कर दी है, जो गलत है। छात्राओं की पढ़ाई को सस्ता रखना चाहिए तथा साथ में कई बार परीक्षा फॉर्म भरने के वक्त एकाएक फीस मांगी जाती है, इस पर भी रोक लगनी चाहिए। कई छात्राएं छात्रवृत्ति न आने से परेशान हैं। किसी तरह से पढ़ाई सुचारू रखने वाली छात्राओं को छात्रवृत्ति वक्त पर मिलनी चाहिए। शोहदों पर रोक लगाने के लिए गर्ल्स कॉलेजों के बाहर पुलिस फोर्स तैनात रहनी चाहिए। गर्मियों में कॉलेजों में ठंडे पानी के साथ पंखे आदि की व्यवस्थाएं होनी चाहिए।
-महिमा अग्रवाल
फिरोजाबाद में जाम की बड़ी समस्या है, जिसमें परीक्षा के वक्त छात्राएं फंसती हैं तो परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में देरी हो जाती है। इससे छात्राओं को परेशानी झेलनी पड़ती है। शिक्षकों को समझाना पड़ता है।
-खुशबू
मंगलवार को जब हम कॉलेज आते हैं तो कई बार ई रिक्शा भी नहीं मिलता है। इससे छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है। मंगलवार को पैदल ही कॉलेज आना पड़ता है। इस दिक्कत का निदान होना चाहिए।
-राधा
फिरोजाबाद में चोरी की घटनाओं में इजाफा होरहा है। ऑटो रिक्शा में आते वक्त कभी पर्स तो कभी मोबाइल चोरी हो जाता है। ऑटो रिक्शा पर पुलिस को ध्यान देना चाहिए। इधर स्कॉलरशिप न आने से छात्राओं को पढ़ाई में भी दिक्कत होती है।
-शोभा मिश्रा
हमने अपने मोहल्ले में देखा है कि छोटे-छोटे बच्चों को मां-बाप स्कूल नहीं भेजते हैं। उन्हें चूड़ी के काम में लगा देते हैं। बेटियों की पढ़ाई पर जोर देने वाली सरकार को इन छोटी बच्चियों पर ध्यान देना चाहिए।
-मोनिका शर्मा
सर्विस रोड पर ट्रैफिक की बड़ी समस्या है। हर वक्त जाम लगा रहता है। इस स्थिति में कई बार कॉलेज आने-जाने में भी लेट हो जाते हैं। वहीं परीक्षा के दौरान लेट होने पर काफी दिक्कत होती है।
-शिवानी झा
सरकारी नौकरियों की तैयारी के लिए बेहतर कोचिंग की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि गरीब छात्राएं भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर सकें। वहीं छात्रवृत्ति को लेकर भी अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है।
-मुस्कान
सरकार बेटी पढ़ाओ पर जोर दे रही है तो छात्राओं की फीस में भी रियायत देनी चाहिए। स्कॉलरशिप भी वक्त पर नहीं आ रही है, लेकिन कॉलेज में वक्त पर फीस देनी पड़ती है। इस स्थिति में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
-सिमरन
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