100 एकड़ से बड़े क्षेत्र में लेदर पार्क लगाने पर मिलेगी 80 करोड़ तक मिलेगी सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी में भी छूट
यूपी को ‘उद्यम प्रदेश’ में परिवर्तित कर रही योगी सरकार राज्य के ‘वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ बनने के सपने को पूरा करने में एक और मील का पत्थर रखने जा रही है।

यूपी सरकार जल्द नई लेदर व फुटवियर पॉलिसी-2025 लागू करने जा रही है। इसके जरिए प्रति एक करोड़ रुपये के निवेश से 20 रोजगार का सृजन होगा। इस नीति का मसौदा तैयार हो गया है। जल्द इसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा। इस नीति का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में लेदर व फुटवियर के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन और एक्सपोर्ट की क्षमता बढ़ाकर राजस्व में वृद्धि करना है। इसके जरिए स्टैंडअलोन फुटवियर व लेदर उत्पाद निर्माण इकाई, फुटवियर व लेदर मशीनरी मैनुफैक्चरिंग यूनिट तथा मेगा एंकर यूनिट को 50 से 150 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित किया जा सकेगा। वहीं, क्लस्टर के विकास के लिए कम से कम 200 करोड़ तथा एलाइड फुटवियर व लेदर यूनिट से संबंधित संयंत्र, निर्माण इकाई व प्राइवेट पार्क के विकास के लिए कम से कम 150 करोड़ रुपये की धनराशि निवेश करनी होगा। इस प्रकार, प्रत्येक इकाई से 1000 से 3000 रोजगार के अवसर सृजित हो सकेंगे।
इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना पर योगी सरकार देगी प्रोत्साहन
नीति अंतर्गत प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना 25 से 100 एकड़ में करने वाले डेवलपर्स को अधिकतम 45 करोड़ रुपये तक की धनराशि पूंजिगत सब्सिडी के तौर पर मिल सकेगी। वहीं, भूमि क्रय में 100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी। इसके निर्माण व संचालन का कार्य 5 वर्षों में पूरा करना होगा। इसी प्रकार, बड़े प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना 100 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में होगी। अधिकतम पूंजिगत सब्सिडी 80 करोड़ रुपये तक प्राप्त हो सकेगी जबकि भूमि क्रय में 100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी। इसके निर्माण और संचालन का कार्य भी 5 वर्षों के भीतर पूरा करना होगा। इसके अतिरिक्त, परिसर के 25% क्षेत्र को खुले व हरित क्षेत्र तथा मूलभूत सुविधाओं के लिए विकसित करने में मदद मिलेगी।
देश के कुल लेदर एक्सपोर्ट में 46 प्रतिशत है यूपी की भागीदारी
- उत्तर प्रदेश देश के कुल लेदर एक्सपोर्ट में 46 प्रतिशत की भागीदारी रखता है। लेदर व फुटवियर एक्सपोर्ट के लिहाज से आगरा, कानपुर व उन्नाव प्रदेश के सबसे बड़े व प्रमुख केन्द्र हैं। आगरा की तो फुटवियर कैपिटल के तौर पर ख्याति है, जबकि कानपुर को सेफ्टी फुटवियर, लेदर एक्सेसरीज व गार्मेंट के बड़े हब के तौर पर जाना जाता है।
- कानपुर, उन्नाव व आगरा प्रदेश के सबसे बड़े लेदर व नॉन लेदर हब के रूप में मशहूर हैं जहां 200 से अधिक टेनरी ऑपरेशनल हैं। वहीं लखनऊ और बरेली उभरते हुए केन्द्र के तौर पर प्रसिद्ध हैं।
- ऐसे में, प्रदेश में अगले कुछ वर्षों में चमड़ा व फुटवियर उद्योग को बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने व्यापक खाका तैयार किया है जिसे धरातल पर उतारने के लिए उत्तर प्रदेश लेदर व फुटवियर पॉलिसी-2025 मददगार होगी।