लगातार तापमान बढ़ने से बीमार पड़ रहे लोग
Deoria News - देवरिया में लगातार बढ़ते तापमान और तेज गर्म हवाओं के कारण मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज में 80 प्रतिशत रोगी डायरिया, बुखार और उल्टी-दस्त जैसी बीमारियों से...

देवरिया, निज संवाददाता। लगातार तापमान में वृद्धि और तेज गर्म हवाओं का असर जन जीवन पर पड़ने लगा है। बच्चे, बड़े, बुजुर्ग समेत सभी लोग जरा सी लापरवाही पर इसकी चपेट में आ जा रहे हैं। उल्टी, दस्त, बुखार आम बात हो गई है। इससे बीमार बच्चों से पीआईसीयू फुल हो गया है।
महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में लगभग 80 प्रतिशत रोगी मौसमी बीमारियों से ग्रस्त होकर आ रहे हैं। मेडिसीन व बाल रोग विभाग की ओपीडी में लंबी कतार लग रही है। वहीं बच्चों के पीआईसीयू तक में बेड उपलब्ध नहीं है। पीआईसीयू के दोनो वार्डों में कुल 15 बेड पर 19 बच्चे भर्ती हैं। इसके चलते कुछ बेड पर दो दो बच्चों को भर्ती करना पड़ा है। वहीं चिल्ड्रेन वार्ड में 20 बेड पर 25 बच्चों को भर्ती करना पड़ा है। इन बच्चों की लगातार निगरानी की जा रही है। समय समय पर चिकित्सक और नर्सिंग स्टॉफ रोगी का परीक्षण कर उपचार कर रहे हैं। पीआईसीयू के वार्ड नंबर एक में भर्ती भलुअनी के एक स्कूल की एक बच्ची अचानक से शनिवार को कक्षा में बीमार पड़ गई। उसे पेट में दर्द और गर्मी लगने पर शिक्षक परिजनों को सूचित कर पीएचसी और फिर जिला अस्पताल में दिखाए। वहां पीआईसीयू में भर्ती कर लिया गया। बच्ची को आराम है। बिहार के रतनपुर निवासी एक बच्चे को परिजन शुक्रवार की शाम लेकर मेडिकल कालेज पहुंचे। यहां हालात देख चिकित्सकों ने भर्ती कर लिया। उसे बुखार और उल्टी दस्त की समस्या थी। इलाज के बाद अब ठीक है। परिजनों ने बताया कि दिन में खेलने के चलते उसकी तबियत खराब हो गई थी। चार महीने की एक बच्ची को परिजन बुखार से पीड़ित होने पर मेडिकल कालेज लेकर आए। जांच में उसे निमोनिया मिला। उसे लगातार आक्सीजन पर रखा गया है। इलाज से हालात में काफी सुधार है।
मेडिकल कालेज में जनरल मेडिसीन व बाल रोग विभाग में करीब 80 प्रतिशत रोगी डायरिया और अन्य मौसमी बीमारियों से ग्रसित होकर आ रहे हैं। इनका समुचित उपचार किया जा रहा है। लोगों को दोपहर में घर या कार्यालय में छांव में रहने की सलाह दी जा रही है। बच्चों को कैसे भी बाहर नहीं निकलने देना चाहिए। पूरी बांह के सूती कपड़े पहनाएं। आवश्यकतानुसार पानी पिलाएं। जरुरत पर ओआरएस को घोल पिलाएं।
डॉ. एचके मिश्र, सीएमएस
महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज
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