अमित शाह के खिलाफ मुकदमे में नहीं हो सकी दूसरे गवाह की गवाही, इस वजह से टल गई सुनवाई
अमित शाह के खिलाफ सुल्तानपुर की अदालत में दायर मुकदमे में शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। संसद में आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर अमित शाह के खिलाफ मुकदमा दायर हुआ है।
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लोकसभा में डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर कथित टिप्पणी के मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर की अदालत में दायर मुकदमे पर सुनवाई शुक्रवार को वकीलों की हड़ताल के कारण टल गई। याचिकाकर्ता राम खेलावन के अधिवक्ता जय प्रकाश ने बताया कि आज इस मामले में दूसरे गवाह की गवाही होनी थी लेकिन वकीलों के हड़ताल होने के कारण सुनवाई टल गई। इससे पहले, 23 जनवरी को इस मामले में सुमन देवी नाम की एक गवाह ने विशेष सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत के न्यायाधीश शुभम वर्मा के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था।
याचिकाकर्ता राम खेलावन ने याचिका में आरोप लगाया था कि 17 दिसंबर 2024 को केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने लोकसभा में डॉ. भीमराव आंबेडकर के बारे में टिप्पणी करते हुए उनके नाम को छह बार दोहराया था और कहा था कि अगर कोई इतनी बार भगवान का नाम ले तो उसे सात जन्मों तक स्वर्ग की प्राप्ति हो जाएगी। सुलतानपुर जिले के धम्मौर थानाक्षेत्र के बनकेपुर सरैया के रहने वाले रामखेलावन ने याचिका में आरोप लगाया कि शाह ने यह टिप्पणी उस व्यक्ति के बारे में की, जिसे लाखों गरीब मजदूर भगवान मानते हैं और ऐसी टिप्पणियों से उनकी भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।
अधिवक्ता जय प्रकाश के अनुसार, अदालत ने याचिकाकर्ता राम खेलावन को दो गवाह पेश करने का निर्देश दिया था, जिसमें से एक गवाह ने 23 जनवरी को गवाही दी थी। अदालत ने दूसरे गवाह को बयान दर्ज कराने के लिए सात फरवरी की तारीख तय की थी।
इसी मामले को लेकर कई दिनों तक विपक्षी दलों ने भी अमित शाह के खिलाफ संसद से सड़क तक प्रदर्शन किया था। अमित शाह से अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगने की मांग की गई थी। अमित शाह ने बाद में प्रेस कांफ्रेंस करके इस मामले पर अपनी सफाई भी दी थी। इस सफाई से भी विपक्षी दल खासकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी संतुष्ट नहीं थी।