बोले बुलंदशहर : पुरानी पेंशन संग चिकित्सा सुविधा की मिले सौगात
Bulandsehar News - जिले में 153 अशासकीय विद्यालयों में 2200 शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों ने पुरानी पेंशन, चिकित्सा सुविधा और ग्रेच्युटी में समानता की मांग की है। नई भर्ती की कमी और पदोन्नति में देरी के कारण शिक्षकों को...
जिले में 153 अशासकीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें करीब 22 सौ शिक्षक कार्यरत हैं। राज्य कर्मियों की तरह ही इन्हें भी 25 प्रतिशत ग्रेच्युटी मिले। साथ ही पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू होने से इन्हें राहत मिलेगी। इसके अलावा नई भर्ती खुलने से शिक्षकों की पदोन्नति के अवसर भी बनेंगे। इन समस्याओं के निदान की मांग शिक्षकों ने शासन से कर रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग से जुड़े शिक्षकों ने बताया कि अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में ग्रेच्युटी उपादान की अधिकतम धनराशि 20 लाख रुपये है। जबकि राज्य कर्मचारियों के लिए यह धनराशि 25 प्रतिशत बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। जबकि पूर्व में राज्य कर्मचारी, अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए यह व्यवस्था एक समान थी। इसके अलावा दो सालों से शिक्षकों की पदोन्नति को भी रोका हुआ है। नई भर्ती नहीं निकाली जा रही है। जिस वजह से माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए कोई चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालांकि राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों को चिकित्सा का लाभ मिलता है। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा विभाग से जुड़े शिक्षकों को काफी असुविधा उठानी पड़ती है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए अपार आईडी अनिवार्य कर दी गई है। इस आईडी को बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग के सभी स्कूल, कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कराने वाले शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है। अपार आईडी में दिक्कत यह आ रही है कि जिन बच्चों के आधार कार्ड में कोई त्रुटि हैं तो इसे ठीक होने में समय लग रहा है। पहले सरकार ने शत-प्रतिशत का लक्ष्य रखा था, अब इसे 80 प्रतिशत कर दिया गया है। ऐसे में शिक्षकों के सामने तय समय पर अपार आईडी बनाने की चुनौती है।
पुरानी पेंशन और पारिवारिक पेंशन का मिलना चाहिए लाभ
शिक्षक पीपी शर्मा ने कहा कि अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में पुरानी पेंशन, पारिवारिक पेंशन एक जनवरी 2020 से एक जनवरी 2021 तक जो महंगाई राहत 17 से 28 प्रतिशत थी, उसे फ्रीज कर दिया गया। राज्य सरकार के लिए काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए पेंशन और पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलता है, लेकिन शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिलता। ऐसे में शिक्षकों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए भी पेंशन और पारिवारिक पेंशन की सुविधा मिलनी चाहिए।
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अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को भी मिले चिकित्सा सुविधा
शिक्षक भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जिस प्रकार राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलता है। उसी प्रकार अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को भी इस सुविधा का लाभ मिलना चाहिए। इस सुविधा के उपलब्ध होने से शिक्षकों के परिवार को काफी फायदा होगा। इसके लिए विभिन्न संगठनों द्वारा कई बार मांग की जा चुकी है। हालांकि अभी तक इसका लाभ शिक्षकों को नहीं मिल सका है। ऐसे में काफी परेशानी होती है। क्योंकि स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा धन खर्च होता है। यदि शिक्षकों को चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलने लगेगा तो काफी हद तक सहूलियत होगी। इससे शिक्षकों पर कोई बोझ भी नहीं पड़ेगा।
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ग्रेच्युटी की धनराशि रहनी चाहिए समान
रमेश चंद ने कहा कि ग्रेच्युटी की धनराशि एक समान रहनी चाहिए। ऐसा होने से शिक्षकों को काफी फायदा होगा। क्योंकि अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में ग्रेच्युटी भी राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह 25 प्रतिशत का इजाफा होना चाहिए। ऐसा होने से शिक्षकों के साथ-साथ उनके परिवार को भी लाभ होगा। सरकार को इस व्यवस्था को शीघ्र ही लागू करना चाहिए। इसके अलावा नई भर्ती भी खोली जानी चाहिए और जिन शिक्षकों की पदोन्नति लंबित पड़ी है। उनकी पदोन्नति होनी चाहिए। इससे शिक्षकों को काफी सुविधा मिल सकेगी।
सुनें हमारी बात
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अपार आईडी के चक्कर में कई शिक्षकों की सैलरी नहीं मिल सकी है। ऐसे में शिक्षकों को काफी असुविधाओं से जूझना पड़ रहा है।
-मोनिका गोयल
नई भर्ती पर लगी रोक को हटाया जाए और जिन शिक्षकों की पदोन्नति लंबित है। उनकी पदोन्नति की जाए। ताकि शिक्षकों को राहत मिल सके।
-भूपेंद्र सिंह
राजकीय शिक्षकों की तर्ज पर अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलना चाहिए।
-रमेश चंद
राज्य कर्मचारी और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की ग्रेच्युटी एक समान होने से शिक्षकों को राहत मिल सकेगी।
-रजनी शर्मा
जिस प्रकार राज्य कर्मचारियों की ग्रेच्युटी में बढ़ोत्तरी की गई है। उसी प्रकार अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की बढ़नी चाहिए।
-सचिन गुप्ता
शिक्षकों के लिए पेंशन और पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलना चाहिए। इससे शिक्षा क्षेत्र में काम करने वालों को काफी राहत प्रदान होगी।
-विशाल यादव
शिक्षकों से हर प्रकार का काम लिया जाता है। लेकिन सुविधाओं के नाम पर किसी का कोई ध्यान नहीं जाता है। इससे दिक्कत होती है।
-पीपी शर्मा
जिन शिक्षकों ने अपार आईडी नहीं बनाई हैं और उनका वेतन रोक दिया है। वेतन जारी होना चाहिए। इससे परेशानी दूर होगी।
-रूपेश मिश्रा
समय से वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षकों को काफी असुविधा होती है। इस व्यवस्था को ठीक कराना चाहिए। ताकि परेशानी दूर हो।
-मुकेश कुमार
कुछ ही समय में बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। ऐसे में शिक्षक सुबह से शाम तक काम करेगा। कम से कम सुविधाओं पर भी गौर करना चाहिए।
-सारिका
समय-समय पर शिक्षकों की मांग उठती रहती है। कुछ ही समस्याओं पर काम होता है और जो महत्वपूर्ण परेशानी होती है, उस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
-थान सिंह
पिछले दो सालों से पदोन्नति प्रक्रिया लंबित है। इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द लागू कराने से काफी फायदा होगा।
-सतेंद्र पाल सिंह
आधार कार्ड में गलती होने की वजह से बच्चों की अपार आईडी नहीं बन रही है। ऐसे में उच्चाधिकारियों का दवाब रहता है। शिक्षकों को बिना तनाव के काम करने की सहूलियत देनी चाहिए।
-जयप्रकाश
शिक्षकों के लिए चिकित्सा सुविधा की सौगात मिलनी चाहिए। इससे शिक्षकों के परिवार पर आर्थिक रूप से तनाव कम होगा।
-रोहताश सिंह
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सुझाव:
1.अपार आईडी बनाने में जो दिक्कत आ रही है। उसमें सुधार करने की आवश्यकता।
2.जिन शिक्षकों का वेतन रोका गया है। उनका वेतन जल्द से जल्द जारी किया जाना चाहिए।
3.चिकित्सा सुविधा का लाभ दिलाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
4.ग्रेच्युटी की अधिकतम धनराशि का लाभ शिक्षकों को भी मिलना चाहिए।
5.पेंशन और पारिवारिक पेंशन लागू करने पर करना चाहिए विचार।
शिकायत:
1.अपार आईडी बनाने के आधार कार्ड की सुविधा बढ़नी चाहिए।
2.जिन शिक्षकों की सैलरी रोकी गई है, उनकी सैलरी को मिलनी चाहिए।
3.माध्यमिक शिक्षकों को भी चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलना चाहिए।
4.ग्रेच्युटी की अधिकतम धनराशि को भी एक समान होना चाहिए।
5.पेंशन और पारिवारिक पेंशन की सुविधा भी शिक्षकों को मिलनी चाहिए।
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वर्जन---
माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की जो परेशानी हैं, उन्हें दूर कराया जाएगा। जिला प्रशासन के स्तर से जो दिक्कत दूर हो सकती है, उन्हें दूर कराएंगे। शासन स्तर पर भी वार्ता कर शिक्षकों की परेशानी हल कराने की कोशिश होगी।
प्रदीप चौधरी, सदर विधायक
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