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खुर्जा की पॉटरी में रख रहे तमिलनाडु और कर्नाटक के लोग अचार

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Newswrap हिन्दुस्तान, बुलंदशहरThu, 17 April 2025 11:33 PM
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खुर्जा की पॉटरी में रख रहे तमिलनाडु और कर्नाटक के लोग अचार

खुर्जा क्षेत्र में करीब पांच पॉटरी इकाइयों में अचार रखने का जार बनाया जाता है। जहां से सबसे ज्यादा तमिलनाडु और कर्नाटक में जार की खरीद होती है। खुर्जा में करीब 300 से अधिक पॉटरी इकाइयां हैं। जहां कप-प्लेट, गमले, टी-सैट, अचार रखने का जार और सजावटी उत्पाद बनाए जाते हैं। यहां से देश ही नहीं विदेशों में भी पॉटरी उत्पादों को भेजा जाता है। इसी प्रकार खुर्जा में बनने वाले अचार के जार की कर्नाटक और तमिलनाडु में सर्वाधिक मांग है। यहां के लोगों का मानना है कि खाने का सभी सामान जार में ही रखा जाता है। इस कारण यहां पर अचार, दही और पनीर आदि को पॉटरी उत्पादों में रखते हैं। यहां पर अचार का सेवन अधिक किया जाता है। खुर्जा से प्रत्येक माह अचार को रखने वाले जार की मांग कर्नाटक और तमिलनाडू से बनी रहती है। उद्यमियों के अनुसार त्यौहारों के दौरान कई बार मांग पूरी नहीं हो पाती है। मांग को पूरा करने के लिए अधिक कारीगरों को लगवाना पड़ता है। जिसके बाद भी मांग पूरी नहीं हो पाती है।

इन पॉटरियों में बनता है अचार रखने का जार

खुर्जा की जोनू पॉटरी और न्यू लाइट सहित पांच पॉटरियों में अचार रखने का जार बनाने का कार्य किया जाता है। मांग इतनी रहती है कि इन पॉटरियों में सिर्फ जार ही बनाये जाते हैं। कई बार मांग को पूरा करने के लिए अन्य कारीगरों को भी लगाना पड़ता है।

प्रत्येक माह होता है करीब 80 लाख का कारोबार

खुर्जा की पॉटरियों में बनने वाले अचार रखने के जार की कर्नाटक और तमिलनाड में सर्वाधिक मांग है। जिसके चलते खुर्जा की पॉटरियों से प्रतिमाह करीब 80 लाख रुपये से अधिक का कारोबार होता है। उद्यमियों के अनुसार प्रति माह आर्डर मिलते हैं। मांग को पूरा करने का प्रयास रहता है।

जार में स्वादिष्ट हो जाता है अचार

उद्यमियों की माने तो, कर्नाटक और तमिलनाडू के लोग अचार को पॉटरी जार में रखते हैं। उनका कहना है कि जार में कई दिनों तक अचार रखा रहने से वह स्वादिष्ट हो जाता है। साथ ही अचार खराब नहीं होता है। अन्य बर्तनों में कई दिनों तक अचार रखा रहने से उसके खराब होने की संभावना बनी रहती है।

कोट-

खुर्जा में अचार रखने वाले जार को अधिक मात्रा में बनाया जाता है। जहां से देश के विभिन्न स्थानों पर भेजा जाता है। कर्नाटक और तमिलनाडू में सर्वाधिक मांग रहती है।

-रवि राणा, अध्यक्ष, केपीएमए, खुर्जा

मांग के अनुसार अचार रखने वाले जार को बनाया जाता है। प्रति माह जार की मांग बनी रहती है। कई बार मांग को पूरा करने के लिए अधिक कारीगर लगाने पड़ते हैं।

-जोनू, उद्यमी, खुर्जा

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