पावर कॉरपोरेशन पर बीएसई ने लगाया 5.5 लाख रुपये जुर्माना, ऑडिट रिपोर्ट देरी की सजा
- पावर कॉरपोरेशन की ऑडिट रिपोर्ट देर से दाखिल करने और कंपनी सचिव की तैनाती न होने की वजह से पावर कॉरपोरेशन पर बीएसई ने तकरीबन साढ़े पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। विधानसभा में पेश किए गए पावर कॉरपोरेशन के वार्षिक प्रत्यावेदन में इसका खुलासा हुआ है।
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पावर कॉरपोरेशन की ऑडिट रिपोर्ट देर से दाखिल करने और कंपनी सचिव की तैनाती न होने की वजह से पावर कॉरपोरेशन पर बीएसई ने तकरीबन साढ़े पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। विधानसभा में पेश किए गए पावर कॉरपोरेशन के वार्षिक प्रत्यावेदन में इसका खुलासा हुआ है। वर्षिक प्रतिवेदन साल 2023-24 के लिए था। मार्च 2024 में समाप्त तिमाही के लिए बीएसई के साथ फाइलिंग में देरी के लिए बीएसई ने 1,59,300 रुपये का जुर्माना लगाया था। पावर कॉरपोरेशन ने परिसंपत्तियों और देनदारियों का ब्योरा और नकदी प्रवाह तय समय में बीएसई के साथ साझा नहीं किया था।
पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने जुर्माने के संबंध में दिए गए जवाब में कहा है कि पांच डिस्कॉम में 814 लेखा इकाइयां हैं। सभी के लेखा विवरण का कॉरपोरेशन के लेखा परीक्षक भी वित्तीय विवरण का ऑडिट करते हैं। इसलिए इसमें देर हुई। बीएसई को जुर्माना माफ करने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वहीं, कंपनी में योग्य सचिव की नियुक्ति न करने के लिए भी बीएसई ने पावर कॉरपोरेशन पर 3,24,500 रुपये का जुर्माना लगाया था। कॉरपोरेशन ने जवाब में माना कि प्रशासनिक निकाय की समय लेने वाली प्रक्रिया की वजह से देर हुई, जिसकी वजह से जुर्माना लगाया गया।
बीएसई ने पावर कॉरपोरेशन पर 70,800 रुपये का एक और जुर्माना इसलिए लगाया था क्योंकि उसने सेबी के पत्रों के आधार पर तय समय में सूचना नहीं दी थी। कॉरपोरेशन ने जवाब में माना कि सूचनाएं देने में महज एक दिन की देर हुई थी। सेबी को जुर्माना माफ करने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन उसने मांग अस्वीकार कर दी।
मौजूदा निदेशक मंडल पर भी सवाल
प्रतिवेदन में मौजूदा निदेशक मंडल पर भी सवाल हैं। कहा गया है कि निदेशक मंडल में से कम से कम एक तिहाई स्वतंत्र होने चाहिए जबकि जहां गैर कार्यकारी अध्यक्ष है तो वहां आधा निदेशक मंडल स्वतंत्र होना चाहिए। इस पर पावर कॉरपोरेशन ने जवाब दिया है कि स्वतंत्र निदेशकों सहित सभी निदेशकों की नियुक्ति प्रदेश सरकार करती है। कॉरपोरेशन ने स्वतंत्र निदेशकों को नामित करने के लिए सरकार को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर दिया है। प्रक्रिया सरकार के स्तर पर प्रक्रियाधीन है।