श्री राम कथा में तुलसीदास के जन्म का प्रसंग सुनाया
Bijnor News - श्री राम कथा के पहले दिन, कथा वाचक पंडित जितेंद्र वशिष्ठ ने संत कवि तुलसीदास जी के जन्म का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि तुलसीदास का जन्म श्रावण मास की शुक्ल सप्तमी को हुआ था। जन्म के समय उनके मुँह...
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शेरकोट। श्री राम कथा के प्रथम दिन कथा वाचक पंडित जितेंद्र वशिष्ठ ने श्री तुलसीदास जी के जन्म का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि तुलसीदास एक महान संत और कवि थे। जिन्होंने श्री रामचरितमानस की रचना की। गांव हाफिजाबाद में बड़े शिवमंदिर पर चल रही राम कथा में कथा वाचक जितेंद्र वशिष्ठ ने गुरु चरणों, ब्राह्मण चरणों, सभी देवी देवताओं के चरणों सहित दुष्टों के चरणों की वंदना करते हुए महाराज तुलसीदास जी के जन्म से सम्बंधित प्रसंग सुनाते हुए कहा कि तुलसीदास का जन्म श्रावण मास की शुक्ल सप्तमी के दिन अभुक्त मूल नक्षत्र में हुआ था। यह नक्षत्र शुभ नहीं माना जाता है। इस शंका को बढ़ाने के लिए कुछ घटनाएं घटित हुई। जैसे जन्मते ही तुलसीदास रोये नही अपितु उनके मुँह से राम शब्द निकला।उनके शरीर का आकार भी सामान्य शिशु की तुलना में अधिक था तथा सबसे बड़ी बात तो यह थी की जन्म के समय ही उनके मुख दांत थे।ये सब लक्षण देखकर तुलसीदास के पिता किसी अमंगल की आशंका से भयभीत थे। बालक के जीवन पर कोई संकट न आये तो उनकी माता ने एक चुनिया नाम की दासी के साथ उन्हें उसके ससुराल भेज दिया। वह अगले दिन ही गोलोकवासी हो गई। तुलसीदास जी के जन्म प्रसंग को सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
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