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बोले बिजनौर : कार मैकेनिक मांगें स्थाई ठिकाना और सुविधाएं

Bijnor News - बिजनौर में कार मैकेनिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थाई ठिकाने की कमी, नई तकनीक की जानकारी का अभाव और चिकित्सा सुविधाओं की कमी उनके कार्य में बाधा डाल रही हैं। कार मिस्त्री और...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरFri, 25 April 2025 04:13 AM
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बोले बिजनौर : कार मैकेनिक मांगें स्थाई ठिकाना और सुविधाएं

आज के इस तेजी से बदलते दौर में कार मैकेनिकों को नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षण की कमी, पुराने पुर्जों की किल्लत और पार्किंग की समस्याएं उनके कार्य में बाधा डाल रही हैं। उनके सामने स्थाई ठिकाना न होना सबसे बड़ी समस्या है। कार मैकैनिक कई बार नगर पालिाक प्रशासन से उन्हें स्थाई ठिकाना देने की मांग कर चुके हैं। सके अलावा रोज नई नई टैक्नोलाजी बाजार में आ रही है। बिना प्रशिक्षण कार मैकेनिक नई टैक्नोलाजी से जूझ रहे हैं। कार मैकेनिक वाहनों की जांच, मरम्मत और रखरखाव का काम करते हैं। बिजनौर में इनकी हालत बेहतर नहीं है। बिजनौर में स्पेसर पार्ट्स की करीब 100 दुकानें हैं। जिन पर करीब 350 कार मैकेनिक काम करते हैं। जिनमें करीब 200 कार मिस्त्री, करीब 100 कार इलेक्ट्रीशियन व करीब 50 डेंटर-पेंटर है, जो समस्याओं से जूझ रहे हैं। कार मिस्त्रियों के सामने सबसे बड़ी समस्या उनके लिए स्थाई ठिकाने की है। कार मिस्त्रियों के पास अपनी दुकानें नहीं है। अधिकांश कार मिस्त्री स्पेयर पार्ट्स की दुकानों के बाहर अपने काउंटर लेकर बैठे है। कार मिस्त्रियों के सामने नई टैक्नोलाजी भी समस्या बनकर सामने आ रही है। बाजार में नई नई टैक्नोलाजी की कारें आ रही हैं। वे विभिन्न प्रकार के वाहनों की समस्याओं का निदान करते हैं और उन्हें ठीक करने के लिए आवश्यक कदम उठाते हैं।

उस्ताद मौहम्मद युनूस, नौशाद अहमद, मौहम्मद कौसर का कहना है कि शहर में करीब 150 कार मैकेनिक और 100 कार इलेक्ट्रीशियन हैं। किसी के पास भी अपनी दुकानें नहीं हैं। सभी कार मैकेनिक दुकानों के बाहर अपना काउंटर लेकर बैठते हैं। उसमें भी वह अपनी कमाई का एक हिस्सा दुकानदार के हवाले कर देते हैं। एक समस्या उनके सामने टैक्नोलाजी की आती है। बाजार में आए दिन नई नई टैक्नोलाजी की गाड़ियां आ रही हैं। उनको कोई प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। जिससे उनके सामने कई बार समस्या खड़ी हो जाती है। नई टैक्नोलाजी को सीखने के लिए वह यू-टयूब पर नजर रखते है और लगातार नई टैक्नोलाजी को सीखने का प्रयास करते हैं।

कार इलेक्ट्रीशियन दानिश मिर्जा, गुलजार अहमद का कहना है कि उनको कोई चिकित्सका सुविधा नहीं दी जाती है। कई बार काम करते समय हादसा हो जाता है। जिससे इलेक्ट्रीशियन घायल हो जाते है। उनको चिकित्सा व सुरक्षा उपकरण सस्ते दामों पर दिए जाने चाहिए।

हर साल दिलाया जाए प्रशिक्षण

कार मिस्त्रियों का कहना है कि टैक्नोलाजी की जानकारी अपडेट करने के लिए उन्हें हर साल कैंप आयोजित कर प्रशिक्षण दिलाया जाए। जिससे वह नई टैक्नोलाजी सीखकर बेहतर तरीके काम को अंजाम दे सके।

युवा नहीं आते काम सीखने

उस्ताद मिस्त्रियों का कहना है कि पहले काफी युवा काम सीखने के लिए उनके पास आते थे। लेकिन अब युवा काम सीखने में रूचि नहीं ले रहे है। कार मरम्मत के काम में हर समय उनकों काला-पीला रहना पड़ता है। कपड़े भी सही नहीं रह पाते है। जबकि आज के युवा को साफ सुथरा काम पसंद है। इसलिए युवा उनका काम नहीं सिखना चाहते है।

मिस्त्रियों का बनाया जाए आयुष्मान कार्ड

कार मिस्त्रियों का कहना है कि काम के दौरान उनके साथ अक्सर हादसे हो जाते हैं। जिससे उनके इलाज पर काफी खर्च हो जाता है। उनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है। उनके आयुष्मान कार्ड बनाए जाए। जिससे उनको चिकित्सा सुविधा में लाभ मिल सके।

सुझाव

1. कार मिस्त्रियों को दिलाया जाए प्रशिक्षण।

2. मिस्त्रियों के बनाए जाए आयुष्मान कार्ड।

3. नपा मिस्त्रियों को किराये पर दे स्थाई ठिकाना।

4. बैराज रोड पर बनाय सुलभ शौचालय।

5. साल में एक बार आयोजित किया जाए मेडिकल कैंप।

शिकायतें

1. कार मिस्त्रियों के पास नहीं है दुकानें

2. ग्राहक नहीं देते काम के बाद पूरी मजदूरी

3. मिस्त्रियों के पास नहीं है आयुष्मान कार्ड

4. बैराज रोड पर स्पेयर पार्टस दुकानों के पास नहीं है कोई शौचालय

5. नहीं दिया जाता है मिस्त्रियों को प्रशिक्षण

दर्द किया बयां

कार मिस्त्रियों के पास अपनी दुकानें नहीं है। उनके सामने स्थाई ठिकाने की दरकार है। उनके लिए दुकानों की व्यवस्था होनी चाहिए। -छोटू

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स्पेयर पार्ट्स दुकानदार उनसे दुकान के बाहर बैठाकर भी किराया वसूलते हैं। उन्हें दुकान मिलनी चाहिए। जिससे उनका काम आसानी से हो सके। - हैदर

उनके लिए आयुष्मान कार्ड की व्यवस्था कराई जाए। जिससे उनको सुलभ चिकित्सा का लाभ मिल सके। साथ ही परिवार को भी इसका लाभ मिले। - गुलजार अहमद

कार में काम करने के लिए हादसे भी हो जाते हैं। सुरक्षा उपकरण का अभाव होने से उनको शारीरिक नुकसान उठाना पड़ता है। - दानिश मिर्जा

पहले काफी युवा काम सीखने आते थे। युवा अब मिस्त्री का काम सीखना नहीं चाहता है। जिससे अब मिस्त्रियों की संख्या कम होती जा रही है। - रफीक अहमद

बाजार में नई टैक्नोलाजी की गाड़ियां आ रही हैं। जिसकी जानकारी के लिए उन्हें साल में एक-दो बार कैंप लगाकर प्रशिक्षण दिलाया जाना चाहिए। - शुऐब

आसानी से लोन नहीं दिया जाता है। अपना कारोबार बढ़ाने के लिए सस्ता लोन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। - फुरकान मलिक

बैराज रोड पर कार मिस्त्रियों के लिए कोई सुलभ शौचालय नहीं है। जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है। सुलभ शौचालय बनाया जाए। - इमरान

तय करने के बाद भी ग्राहक पूरी मजदूरी नहीं देते हैं। कई बार पूरी मजदूरी मांगने ग्राहक विवाद खड़ा कर देते हैं। इस समस्या का समाधान होना चाहिए। - नौशाद अहमद

दुकानदार स्पेयर पार्ट्स के पूरे पैसे लेता है, जबकि ग्राहक स्पेयर पार्ट्स के पैसे में भी कमी करके देते हैं। जिससे अपनी जेब से नुकसान भरना पड़ता है। - मौहम्मद कैसर

गाड़ी ठीक करने के दौरान तीन मिस्त्री काम करते हैं। कार मिस्त्री के साथ ही कार इलेक्ट्रिशियन को भी काम करना पड़ता है, जबकि ग्राहक एक मिस्त्री की मजदूरी भी नहीं देते है। -मौ. आदिल

उनके काम काफी रिस्की है। अक्सर मिस्त्री को चोट लगती रहती है। उनके लिए सस्ती चिकित्सका उपलब्ध कराई जाए। -अल्ताफ

मिस्त्रियों के लिए साल में एक बार प्रशिक्षण कैम्प आयोजित किया जाए, जिससे उन्हें नई टैक्नोलाजी की जानकारी हो सके। -सोनू सिंह

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नगर पालिका प्रशासन उनके लिए अलग मार्केट का निर्माण करा दे। साथ ही मिस्त्रियों को किराए पर उपलब्ध कराए। जिससे उन्हें अपना ठिकाना मिल सके। - मोहित कुमार

अक्सर ग्राहकों की कारों को ठीक करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलती है। कारों को सड़क किनारे खड़ा कर ठीक करना पड़ता है। जिससे दिक्कत होती है। - मौहम्मद युनूस

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