‘एक राष्ट्र-एक चुनाव से देश के लोकतंत्र को मिलेगी मजबूती
Basti News - बस्ती में पूर्व विधायक दयाराम चौधरी ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के विचार का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इससे समय और संसाधनों की बचत होगी और मतदाताओं को बार-बार चुनावों की कठिनाइयों से मुक्ति मिलेगी।...
बस्ती, निज संवाददाता। लोकतंत्र को और सबल बनाने के लिये पहले के तहत ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव कराया जाना है। यह समय की मांग है। इससे समय, संसाधन की बचत होगी। मतदाताओं को भी रोज-रोज के चुनाव से मुक्ति मिलेगी। यह विचार पूर्व विधायक दयाराम चौधरी ने व्यक्त किया। वे गनेशपुर स्थित शंकर नगर चौराहे के एक मैरेज हाल के सभागार में आयोजित प्रबुद्ध समागम में मुख्य अतिथि के रूप में कही। पूर्व विधायक दयाराम चौधरी ने कहा कि संविधान को अंगीकार किए जाने के बाद 1951 से 1967 तक लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हुए। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के पहले आम चुनाव 1951-52 में एक साथ हुआ। बाद में यह क्रम टूट गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इसे पुनः लागू कराने का जो संकल्प व्यक्त किया है, वह सराहनीय है। समन्वयक भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष पवन कसौधन, भाजपा नेता जगदीश शुक्ल, आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि कहा कि हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है। देश में बार-बार चुनाव होने से हमें कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि चुनाव प्रक्रिया बहुत महंगी हो गई है। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि ‘एक देश-एक चुनाव प्रणाली से न केवल समय और धन की बचत होगी। प्रबुद्ध समागम में धर्मेन्द्र जायसवाल, ओंकार चौधरी, अर्जुन उपाध्याय, राम विलास शर्मा, प्रकाश निषाद, अर्जुन चौधरी, रामनाथ चौहान, राम नेवास शर्मा आदि उपस्थित रहे। समागम के अंत में पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
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