ब्लैक लिस्ट फर्म ने नगर निगम में डाले टेंडर, जांच शुरू
Bareily News - आगरा की एक ब्लैक लिस्टेड फर्म ने नगर निगम के 12 टेंडर प्रक्रियाओं में भाग लिया और 5.28 करोड़ का टेंडर प्राप्त किया। मेयर और नगरायुक्त ने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि...

आगरा की ब्लैक लिस्ट फर्म ने सवा पांच करोड़ के टेंडर ही नहीं लिए बल्कि नगर निगम के करीब 12 टेंडर प्रक्रिया में भाग भी लिया था। कुछ जगहों पर फर्म का चयन तक कर लिया गया। पोल खुली तो अब सभी फाइलें खंगाली जा रही हैं। मेसर्स परमार कंस्ट्रक्शन फर्म को नगर निगम द्वारा दिए गए 5.28 करोड़ का टेंडर देने का मामला तूल पकड़ लिया है। ब्लैक लिस्ट कंपनी को टेंडर देने पर मेयर से लेकर नगरायुक्त ने गहरी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों से आख्या मांगी है। इसके बाद कई अधिकारियों निर्माण विभाग के इंजीनियर घिरते दिख रहे हैं। मिलीभगत करके फर्म ने एक दर्जन से अधिक काम नगर निगम से लेने के लिए टेंडर डाले। कुछ काम मंजूर तक हो गए। अब इन कामों की सूची नगर निगम अधिकारी बना रहे हैं। फर्म और उनसे जुड़े पार्टनरों को किन-किन फर्म के नाम से टेंडर दिए गए इसकी जांच भी होगी। नगरायुक्त संजीव कुमार मौर्य का कहना है कि हर पहलुओं पर नजर रखते हुए रिपोर्ट बनेगी। जो फर्म ब्लैक लिस्ट थी उस फर्म ने कितने निदिाएं डाली इसकी जानकारी ली जा रही है। मेसर्स परमार कंस्ट्रक्शन ही अकेली फर्म नहीं है, जिसको ब्लैक लिस्ट के बाद भी काम दिए गए। इससे पहले 2018 में आदित्य इंजीकाम फर्म को नगर निगम के निर्माण विभाग ने 14वें वित्त आयोग की बजट से 2.27 करोड़ के टेंडर दिए थे। 25 अप्रैल 2018 को कार्यादेश जारी किया गया था। निर्माण दो माह में पूरा करना था। फर्म ने न तो काम शुरू कराया और न कोई जवाब दिया था। घोर लापरवाही के बाद निगम के निर्माण विभाग की ओर से फर्म को तीन बार नोटिस जारी किए। मनमानी और लापरवाही बरतने और नगर निगम व सरकार की छवि धूमिल किए जाने पर फर्म को दो मार्च 2020 को ब्लैक लिस्ट कर जमानत राशि जब्त की गई थी।
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