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84 कोसी परिक्रमा जत्थे का मंत्री ने किया स्वागत

Barabanki News - 14 अप्रैल को मखौडा धाम से शुरू हुई विश्व प्रसिद्ध अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा का चौथा जत्था बेलखरा पहुंचा। साधु संतों और श्रद्धालुओं ने जय श्री राम के नारों के साथ उनका स्वागत किया। महंत गयादास महाराज...

Newswrap हिन्दुस्तान, बाराबंकीMon, 28 April 2025 01:33 AM
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84 कोसी परिक्रमा जत्थे का मंत्री ने किया स्वागत

टिकैतनगर। महाराजा दशरथ की पुत्रेष्ट यज्ञस्थली मखभूमि मखौडा धाम जिला बस्ती के मनोरामा स्थान से 14 अप्रैल को शुरु हुई विश्व प्रसिद्ध अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा का चौथा जत्था अपने तेरहवें पड़ाव बेलखरा पहुंचा। परिक्रमा में शामिल साधु संत और श्रद्धालुओं का जत्था जैसे ही क्षेत्र के न्यामतगंज पहुंचा। जय श्री राम, सीताराम के गगनभेदी उदघोष से पूरा क्षेत्र मानों राममय हो गया। लोग संत दर्शन व उनके स्वागत के लिये दौड़ पड़े। खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने परिक्रमा की अगुवाई कर रहे परिक्रमा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संचालक महंत गयादास महाराज की आरती व माल्यार्पण कर स्वागत किया। इसके बाद सभी परिक्रमार्थियों सरयू नदी के तट के किनारे भगत बाग रात्रि विश्राम के लिए पहुंच गये। परिक्रमा में महंत गयादास महाराज बताया कि प्रत्येक वर्ष निकलने वाली अवध धाम की विश्व विख्यात ये 84 कोसी परिक्रमा बस्ती जिले के मखौडा धाम से शुरू होकर अम्बेडकर नगर, फैजाबाद, बाराबंकी और गोण्डा जिले के भगवान श्रीराम से जुडे़ स्थलों से होते हुए सीताकुंड अयोध्या में सम्पन्न होगा। उन्होंने बताया है कि अयोध्या धाम की इस परिक्रमा को करने से मनुष्य को 84 लाख योनियों के जन्म से मुक्त मिल जाती है। परिक्रमा का यह प्रक्रिया सनातन काल से चली आ रही है। त्रेता युग के रामावतार में भगवान श्री राम जिन रास्ते से चलकर ऋषियों-मुनियों की सहायता किए और राक्षसों का संहार किए उन्हीं रास्तों से होकर यह यात्रा गुजरती है। मोक्षदायिनी इस परिक्रमा से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट महाराज दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए मखौड़ा में मनोरमा नदी के पवित्र तट पर श्रृंगीऋषि की देख-रेख में पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया था। इस यज्ञ के पूरा होने के बाद उन्हें चार पुत्रों भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की प्राप्ति हुई थी। तभी से मखौड़ा धाम में प्रत्येक वर्ष मेला लगता है और चौरासी कोसी परिक्रमा का शुभारम्भ और अंत में परिक्रमा का समापन मखौड़ा धाम होते हुए अवध धाम में होता है। बेलखरा में रात्रि विश्राम के बाद रविवार की भोर परिक्रमा में शामिल साधु संत और भक्त जन पूजा-अर्चना के बाद भगवान श्रीराम का जयघोष कर धर्म ध्वज लहराते हुए परिक्रमा के अगले पडाव गोंडा जनपद के लिये रवाना होगा। सरयू नदी के तट पर जीतबक्श सिंह, योगेंद्र सिंह, राकेश शुक्ला आदि लोगों ने साधु संतों का फूल माला पहनकर स्वागत किया और सभी को जलपान कराया।

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