बुंदेलखण्ड काव्य कुंभ में बही काव्य रसधार
Banda News - बांदा में कलार्पण भारत द्वारा बुंदेलखंड काव्य कुंभ का आयोजन किया गया। कवियों ने काव्य पाठ करते हुए बुंदेलखंड की समस्याओं पर चर्चा की। इस दौरान वरिष्ठ कवि शंकर सिंह की पुस्तक 'आओ करें प्यार की बातें'...

बांदा। संवाददाता कलार्पण भारत के द्वारा बुंदेलखंड काव्य कुंभ का आयोजन किया गया। जिसमें कवि और साहित्यकारों ने काव्य पाठ कर समां बांधा। साथ ही आओ करें प्यार की बातें पुस्तक का विमोचन किया गया। इस दौरान सोई है कोतवाली तो कौन काम कै,थाने में हो दलाली तो कौन काम कै जैसी कविताओं और पक्तियों से वाहवाही लूटी गई।
काव्य कुंभ में बुंदेलखंड के साहित्य संस्कृति भाषा विकास पर्यटन प्राकृतिक सुषमा के साथ बुंदेलखंड की समस्याओं एवं समाधान को करते हुए सभी रचनाकारों ने काव्य पाठ किया। शिवपूजन सुमन चित्रकूट ने सोई है कोतवाली तो कौने काम कै,थाने में हो दलाली तो कौने काम कै... और फूलों की हिफाजत करै न ठीक से,तो हुलिकिन के जाए माली कौन काम के... पंक्तियों से तालियां बटोरीं। चन्द्रप्रकाश व्यथित ने न कविता का सिर पता,न कविता के पैर,मात्रिक छंद विधान से,जनम जनम का बैर दोहा से वाहवाही लूटी। नीतिराज सिंह सुमरेपुर हमीरपुर ने वो रखते ही कदम घर की स्थितियां जान जाती हैं,कहां कैसे बसर करना परिस्थितियां जान जाती हैं से समां बांधा। इस दौरान मुख्य अतिथि रहे वरिष्ठ कवि शंकर सिंह द्वारा लिखित पुस्तक आओ करें प्यार की बातें का विमोचन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय, विशिष्ट अतिथि लवलेश सिंह पर्यटन एवं संस्कृति परिषद सदस्य रहे। कार्यक्रम में कलार्पण के केन्द्रीय अध्यक्ष शिवप्रकाश सिंह, डा. बृजलता शर्मा, डा.सीपी दीक्षित, डा.धनंजय सिंह, दीनदयाल सोनी, किरन सेठी, मनोज कुमार आदि शामिल रहे।
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