सीटें कम, प्रवेश लेना होगा मुश्किल
Bagpat News - - प्रथम श्रेणी प्राप्त करने के बावजूद नहीं हो पाएंगे दाखिलेसीटें कम, प्रवेश लेना होगा मुश्किलसीटें कम, प्रवेश लेना होगा मुश्किलसीटें कम, प्रवेश ले

यूपी बोर्ड का तो रिजल्ट आ चुका है वहीं सीबीएसई व आईएससी बोर्ड का रिजल्ट भी जल्द घोषित हो जाएगा। गत वर्ष की तरह इस बार भी परीक्षा परिणाम बंपर है। यह बहुत अच्छा संकेत तो है, लेकिन एक चिंताजनक बात भी है। बंपर रिजल्ट रहने के बावजूद सभी छात्रों को स्नातक कक्षाओं में दाखिला नहीं मिल पाएगा। याद दिला दें कि यूपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम 25 अप्रैल को घोषित हो चुका है। बोर्ड का परीक्षा परिणाम उम्मीद से कहीं अधिक बेहतर यानि बंपर रहा है। वहीं सीबीएसई व आईएससी बोर्ड का परीक्षा परिणाम भी जल्द घोषित होने जा रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि शिक्षा के क्षेत्र में जनपद बागपत के बढ़ते कदम को देखकर इस बार भी इसी तरह का परीक्षा परिणाम रहने की उम्मीद की जा रही है। इस खुशी के पीछे एक अनदेखी चिंता भी मौजूद है जिसकी ओर ध्यान नहीं जा रहा है। इंटर की परीक्षा पास कर इन छात्रों ने एक सीढी तो पार कर ली है, लेकिन असली समस्या तो उस समय आएगी जब इन्हें स्नातक कक्षाओं में प्रवेश लेना पड़ेगा। जनपद बागपत के कॉलेजों में सीटों की संख्या कम नहीं है, लेकिन इसके बावजूद सैंकड़ों ऐसे छात्र होंगे जो दाखिला पाने की दौड़ से भी बाहर हो जाएंगे। दाखिले के लिए मारामारी मचने के भी पूरे आसार बन चुके हैं।
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कॉलेजों में मौजूदा सीटों पर एक नजर:
सहायता प्राप्त कॉलेजों में सीटों की स्थिति:
जनता वैदिक महाविद्यालय: यहां पर बीए के छह सेक्शन हैं जिनमें कुल 360 सीटें मौजूद हैं। बीकॉम में 180 सीटें, बीएससी कृषि में 180, बीएससी (पीसीएस) में 60, बीएससी (पीएसएम) में 60, बीएससी (बायो) में 180, बीएससी (माइक्रो बॉयोलॉजी) में 60 सीटें कॉलेज के पास मौजूद हैं जिनमें छात्र दाखिला ले सकते हैं।
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दिगंबर जैन महाविद्यालय: यहां पर बीए में 10 विषयों के लिए छह सेक्शन बनाए गए हैं जिनमें सीटों की कुल संख्या 480 है। बीकॉम में दो सेक्शन है जिनमें कुल 160 सीटें निर्धारित है। बीएससी (पीसीएम) में 160, बीएससी (पीएसएम) में 160 सीटें निर्धारित हैं जिनमें छात्र दाखिला ले सकते हैं।
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जैन स्थानकवासी गल्र्स डिग्री कॉलेज: कॉलेज में बीए में आठ विषयों पर 480 सीटें मौजूद हैं जिनपर केवल छात्राएं ही दाखिला पा सकती हैं।
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इन सहायता प्राप्त कॉलेजों के अलावा निजी कॉलेज भी छात्रों के लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं जहां पर वे दाखिले के लिए मची मारामारी के बीच अपना दाखिला सुनिश्चित कर सकते हैं।
गायत्री देवी ग्रुप ऑफ एजुकेशन: कॉलेज में बीसीए की 120 सीटें, बीबीए की 120 सीटें, बीएससी होम साइंस की 60 सीटें, बीए की 120 सीटें, बीकॉम की 120 सीटें मौजूद हैं। इसके अलावा पॉलीटेक्निक की तीन ब्रांच सिविल, मैकेनिकल, इलैक्ट्रिकल जिनमें 300 सीटों पर भी छात्र दाखिला पा सकते हैं।
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सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज: इस कॉलेज में बीए की 280 सीटें, बीकॉम की 120 सीटें, बीबीए की 60 सीटें, बीसीए की 60 सीटें, बीएससी (बायो) की 120 सीटें, बीएससी (पीसीएम) की 120 सीटें मौजूद हैं जिन पर छात्र दाखिला पा सकते हैं।
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कालंदी कॉलेज बड़ौत: कॉलेज में बीए की 140 सीटें, बीकॉम की 60 सीटें, बीबीए में 120 सीटें मौजूद हैं।
हिमालयन ग्रुप ऑफ एजुकेशन: यहां पर बीए की 140, बीकॉम की 60, बीएससी (पीसीएम) की 60, बीएससी (बायो) की 60 सीटें मौजूद हैं।
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भारतीय आयुर्वेद ऋषिकुल कॉलेज: यहां पर फार्मेसी, नर्सिंग से जुड़े स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्र इंटर के बाद प्रवेश पा सकते हैं। डिप्लोमा इन फार्मेसी आयुर्वेद में यहां पर 50 सीटें मौजूद हैं। यह कोर्स दो साल का है और इसमें प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित होती है।
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दिगंबर जैन पॉलीटेक्निक कॉलेज: कॉलेज में सिविल, इलैक्ट्रिकल, मैकेनिकल में सुबह सहायता प्राप्त कोटे से तथा शाम की शिफ्ट में सेल्फ फाइनेंस कोटे से संचालित होने वाली सीटें मौजूद हैं। इसके अलावा सेल्फ फाइनेंस की तीन अन्य ब्रांच भी कॉलेज में मौजूद हैं। इन सभी में संयुक्त प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिला होता है। इन सभी सीटों में 30 प्रतिशत का कोटा लड़कियों के लिए निर्धारित है। वहीं राजकीय पॉलीटेक्निक कोताना व किरठल में भी ढेरों सम्भावनाएं मौजूद हैं।
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सीटों का विवरण:
सिविल इंजीनियरिंग- 120, इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग- 120
मैकेनिकल इंजीनियरिंग- 120, सिविल ईपीसी- 60
इलैक्ट्रोनिक्स- 60,
कंप्यूटर साइंस- 60
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