Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Allahabad High Court order: Additional District Judges do not have the ability to write decisions send them for training

हाईकोर्ट का आदेश: अपर जिला जज निर्णय लिखाने की काबिलियत नहीं रखते हैं, ट्रेनिंग पर भेजो

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि कानपुर नगर में तैनात अपर जिला जज डॉ. अमित वर्मा निर्णय लिखाने की काबिलियत नहीं रखते हैं। उन्हें तीन महीने की ट्रेनिंग पर भेजने का निर्देश दिया है।

Deep Pandey प्रयागराज, विधि संवाददाताSat, 26 April 2025 06:57 AM
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हाईकोर्ट का आदेश: अपर जिला जज निर्णय लिखाने की काबिलियत नहीं रखते हैं, ट्रेनिंग पर भेजो

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि कानपुर नगर में तैनात अपर जिला जज डॉ. अमित वर्मा निर्णय लिखाने की काबिलियत नहीं रखते हैं इसलिए उन्हें तीन महीने की ट्रेनिंग पर भेजने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने मुन्नी देवी बनाम शशिकला पांडेय की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि एडीजे डॉ. वर्मा आदेश लिखाते समय कारण और निष्कर्ष का उल्लेख नहीं करते। इसी के साथ कोर्ट ने ऐसे ही उनके आदेश को रद्द कर नए सिरे से आदेश करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद फिर वही गलती दोहराई गई। कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल से डॉ. वर्मा को प्रशिक्षण पर भेजने के लिए मुख्य न्यायाधीश से आदेश प्राप्त करने को कहा है। और कहा कि उन्हें ट्रेनिंग के लिए न्यायिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान लखनऊ भेजें। कोर्ट ने जिला जज कानपुर नगर को संबंधित पुनरीक्षण अर्जी किसी अन्य अपर जिला जज को सुनवाई के लिए स्थानांतरित करने का भी आदेश दिया है।

मामले के तथ्यों के अनुसार शशिकला पांडेय ने वर्ष 2013 में किराया वसूली व बेदखली का वाद दाखिल किया, जो 29 फरवरी 2024 को याची के विरुद्ध डिक्री हो गया। इसके विरुद्ध याची ने पुनरीक्षण अर्जी दाखिल की जिसे एडीजे ने सात नवंबर 2024 को खारिज कर दिया। इस आदेश को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई। कहा गया कि आदेश का कारण व‌ निष्कर्ष नहीं दिया है। अपर जिला जज ने न्यायिक विवेक का इस्तेमाल नहीं किया है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने एडीजे का उक्त आदेश रद्द कर नए सिरे से आदेश के लिए पत्रावली वापस भेज दी। इसी बीच याची ने पुनरीक्षण अर्जी में नए आधार जोड़ने की संशोधन अर्जी दी, जिसे एडीजे ने बिना कारण बताए गत एक मार्च को निरस्त कर दिया। इस आदेश को फिर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

याची का कहना था कि एडीजे डॉ अमित वर्मा ने पहले आदेश में जो गलती की थी, वही गलती इस आदेश में भी की है इसलिए आदेश रद्द किया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि अपर जिला जज डॉ वर्मा फैसला लिखाने की काबिलियत नहीं रखते इसलिए इन्हें प्रशिक्षित किया जाए और प्रशिक्षण पर भेजने का निर्देश दिया है।

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