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ग्रीन पार्क : पूर्व कर्मचारी के खिलाफ तीसरी बार शांतिभंग में कार्रवाई

Aligarh News - अलीगढ़ के ग्रीन पार्क अपार्टमेंट में एक कारोबारी से अभद्रता और धमकी देने के मामले में पूर्व कर्मचारी उपेंद्र के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उपेंद्र को पहले भी शांतिभंग में पाबंद किया जा चुका है। अब पुलिस...

Newswrap हिन्दुस्तान, अलीगढ़Thu, 1 May 2025 03:52 AM
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ग्रीन पार्क : पूर्व कर्मचारी के खिलाफ तीसरी बार शांतिभंग में कार्रवाई

- पहले भी दो बार शांतिभंग में पाबंद हो चुका आरोपी, गुंडा एक्ट की तैयारी अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। ग्रीन पार्क अपार्टमेंट में रहने वाले कारोबारी से अभद्रता व धमकी के मामले में पकड़े गए पूर्व कर्मचारी के खिलाफ पुलिस ने शांतिभंग में कार्रवाई की है। इससे पहले दो बार आरोपी को शांतिभंग में पाबंद किया जा चुका है। जल्द ही पुलिस गुंडा एक्ट लगाने की तैयारी में है। सोमवार रात को अपार्टमेंट निवासी उमेश वार्ष्णेय के भतीजे राज वार्ष्णेय, आदित्य वार्ष्णेय फैक्ट्री से लौट रहे थे। ग्रीन पार्क पेट्रोल पंप के पास उपेंद्र व उनके सहकर्मियों ने उनकी गाड़ी को अवरुद्ध करने का प्रयास किया।

इसके बाद उपेंद्र ने उमेश को फोन करके गालीगलौज की। जान से मारने की धमकी दी गई। बाद में उपेंद्र ने उनके साले कुलदीप वार्ष्णेय को भी फोन पर अभद्र व आपत्तिजनक गालियां दी गईं। आरोप है कि यह घटनाएं बिल्डर संजीव पाराशर के इशारे पर उनके गुर्गों द्वारा निवासियों को भयभीत व आतंकित करने के उद्देश्य से की जा रही हैं। मामले में उमेश व कुलदीप की तहरीर पर अलग-अलग दो मुकदमे दर्ज किए गए। कुलदीप का आरोप था कि उपेंद्र ने धमकी दी है कि वे उनके सबसे पहले टारगेट पर हैं। उसने जान से मारने व बेटे को नुकसान पहुंचाने की भी धमकी दी। सीओ द्वितीय राजीव द्विवेदी ने बताया कि उपेंद्र के खिलाफ शांतिभंग में कार्रवाई की गई है। इस पर कुल तीन मुकदमे दर्ज हैं। जल्द ही गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाएगी। ------------------- वर्जन जिन्होंने मुकदमा लिखवाया है, उनसे मेरी बात हुईं हैं। उनका कहना है कि तहरीर किसी और ने लिखी थी। उनसे हस्ताक्षर करा लिए गए। इसकी रिकार्डिंग मौजूद है। षड्यंत्र के तहत मुझे फंसाने की साजिश की जा रही है। जबकि मेरा इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है। सोसाइटी के पदाधिकारियों से मेरे अच्छे संबंध हैं। रही बात पूर्व कर्मचारी की तो अगर अगर उसने धमकी दी है तो कार्रवाई होनी चाहिए। संजीव पाराशर, बिल्डर -------------------

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