ना, ना करते भी सात साल में बन गए 1600 से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस
Aligarh News - अलीगढ़ में 2018 से शस्त्र लाइसेंस जारी करने की रोक हटने के बाद 1600 से अधिक लाइसेंस जारी किए गए हैं। जबकि 4000 से अधिक लोग अभी भी लाइसेंस के लिए इंतजार कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में जटिलता आई है और...
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ना, ना करते भी सात साल में बन गए 1600 से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस -अभी भी 4000 से ज्यादा लोगों को शस्त्र लाइसेंस का है इंतजार
-2018 में शस्त्र लाइसेंस जारी किये जाने पर हाईकोर्ट ने ख़त्म की थी रोक
अलीगढ़। वरिष्ठ संवाददाता। शस्त्र लाइसेंस को लेकर वर्ष 2018 से रोक हटने के बाद अब तक जिले में 1600 से ज्यादा लाइसेंस बने हैं। हालांकि अभी चार हजार से ज्यादा लोगों को लाइसेंस बनने का इंतजार है। इन सभी के द्वारा भी लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया है।
लाइसेंसी शस्त्र रखना बीते कुछ वर्षों में स्टेट्स सिंबल बन गया है। पूर्व में असलाह लाइसेंस बनने की प्रक्रिया आसान होती थी लेकिन वर्ष 2018 में हाईकोर्ट द्वारा नए शस्त्र लाइसेंस जारी करने पर लगी रोक हटने के बाद इस प्रक्रिया को जटिल कर दिया गया है। हालांकि जिलाधिकारी के स्तर पर ही उचित प्रतीत होने पर लाइसेंस जारी किया जाता है। बीते सात वर्षों में कुल 6053 शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किए गए। जिसमें से सिर्फ 1600 के ही लाइसेंस बने। इसमें नए लाइसेंस, शूटर लाइसेंस व विरासत तीनों के शामिल हैं। अधिकतर लाइसेंस व्यापारी, उद्यमी व राजनीतिक सिफारिशों पर बने हैं।
0-जिले में 37 हजार से ज्यादा लाइसेंसी असलाह
जिले में 37 हजार से अधिक शस्त्र लाइसेंस धारक हैं। इनमें करीब 23 हजार लाइसेंस शहर में और 14 हजार ग्रामीण में हैं।
0-पिता के असलाह का बेटे को मिलने का इंतजार
लाइसेंसी असलाह खून के रिश्ते में पिता से पुत्र को ट्रांसफर होता है। यह विरासत श्रेणी में आते है। जिले में 700 से ज्यादा विरासत के लाइसेंस ट्रांसफर होने है। यह अभी पुलिस, प्रशासन के स्तर पर लंबित हैं।
0-वर्जन
विरासत के शस्त्र लाइसेंस सभी रिपोर्ट आ जाने के बाद ट्रांसफर किए जाते हैं। इसी तरह से नए लाइसेंस आवश्यकता उचित प्रतीत होने पर जारी किए जाते हैं।
-रामशंकर, प्रभारी अधिकारी, आयुध
विरासत श्रेणी के असलाह ट्रांसफर के लिए आवेदक चक्कर लगा हैं। कई केस में थाने व अन्य स्तर से रिपोर्ट नहीं लगकर नहीं आ पा रही हैं।
-अंशु, अधिवक्ता
इम्पोर्ट परमिट बना हुआ है लेकिन अब तक शस्त्र लाइसेंस नहीं बन सका है। इसी तरह से लाइसेंस पर कारतूसों की लिमिट नहीं बढ़ने से भी दिक्कत आती है।
-मुदित प्रताप सिंह, राष्ट्रीय शूटर
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