बोले कासगंज: सड़क पर सुरक्षित निकलना ही मजबूत व्यवस्था की गारंटी
Agra News - हाल ही में कासगंज में नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप की घटना के बाद महिला सुरक्षा एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। छात्राएं और महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अभिभावक उन्हें समय से घर लौटने की...

जनपद में विगत दिनों नदरई नहर के समीप हुए नाबालिग से गैंगरेप की घटना के बाद शहर में महिला सुरक्षा का मुद्दा एक बार फिर चिंता का विषय बन गया है। शहर के विभिन्न कोचिंग सेंटर्स में पढ़ने वाली तथा जॉब या अन्य कामों से घर से बाहर रहने वाली छात्राएं, युवतियां एवं महिलाएं स्वयं की सुरक्षा को लेकर सजग हैं। सभी महिलाओं एवं युवतियों का कहना है कि जब वो घर से बाहर रहती हैं तो उनके अभिभावक उनकी सुरक्षा को लेकर परेशान रहते हैं। कोचिंग सेंटर्स में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाली युवतियों के माता-पिता एवं अभिभावक उन्हें दिन ढलते ही घर लौटने की सलाह देते हैं। ताकि किसी के साथ कोई अप्रिय घटना ना घटित हो सके। आपके अपने समाचार पत्र दैनिक हिन्दुस्तान के जनसंवाद कार्यक्रम में जब कासगंज नगर में सुरक्षा को लेकर महिलाओं से बात की गई तो उन्होंने सुरक्षा के हर पहलुओं पर खुलकर चर्चा की।
महिलाओं एवं युवतियों का कहना है कि महिला सुरक्षा के प्रति पुलिस एवं प्रशासन को ऑपरेशन जागृति जैसे अभियानों को न केवल प्रभावी ढंग से चलाकर महिलाओं और युवतियों की हिम्मत बढ़ानी चाहिए बल्कि शहर में मनचलों एवं शोहदों को सबक सिखाकर उन्हें कमजोर करना चाहिए। शहर में कालोनियों और नव विकसित इलाकों में बसी आबादी की ओर भी पुलिस को अपनी सक्रियता बढ़ानी चाहिए। जिससे आसपास अराजक तत्वों का जमावड़ा नहीं हो सके। नगर के बाहर अमांपुर-सोरों मार्ग पर स्थित आवास-विकास कॉलोनी में युवक बाइक्स में तेज आवाज वाले साइलेंसर लगाकर सड़कों से गुजरने वाली महिलाओं एवं युवतियों के पास से तेज आवाज करते हुए निकलते हैं।
महिलाएं स्वयं को असुरक्षित महसूस न करें
पुलिस के साथ प्रशासन व नगर पाालिका को कालोनियों में जहां भी रास्ते में अंधेरा रहता हो, उन स्थलों को चिन्हित कर लाइट की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे आने जाने के दौरान कोई डर नहीं रहे। अमांपुर मोड़ से लेकर केए कालेज के आसपास आबादी क्षेत्र में भी पुलिस की आवाजाही शाम के समय होनी चाहिए। इससे यहां से गुजरने वाली युवतियां एवं महिलाएं स्वयं को असुरक्षित महसूस नहीं कर सकें। नगर के सहावर गेट स्थित रेलवे फाटक के आसपास एवं गंगेश्वर कॉलोनी में भी पुलिस सक्रियता बढ़ेगी तो सुरक्षा का माहौल बेहतर होगा।
आपात स्थिति के नंबरों का हो और प्रसार-प्रचार
महिलाओं एवं युवतियों का कहना कि आपात स्थिति के लिए पुलिस विभाग द्वारा जो नंबर जारी किये गये हैं, उनका और भी प्रचार प्रसार होना चाहिए, हालांकि पुलिस अभियान चला रही है, जिसे और भी प्रभावी करने की जरूरत है। इन नंबरों का प्रचार गली मोहल्लों में भी महिलाओं, युवतियों, किशोरियों के बीच जाकर महिला पुलिस को करना चाहिए, जिस तरह से पुलिस बाजारों में अभियान चलाकर महिलाओं को नंबर के बारे में बताती है उसी तरह से गलियों में भी होना चाहिए।
छात्राओं को चाहिए सुरक्षा
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस एवं प्रशासन के सुस्त रवैये के कारण ही कभी कभी शहर में शोहदों एवं मनचलों के हौंसले बुलंद होते हैं। ये अराजक तत्व बाइक्स में तेज आवाज वाले साइलेंसर लगाकर शहर की सड़कों से गुजरने वाली महिलाओं एवं युवतियों के पास से तेज आवाज करते हुए निकलते हैं। इससे महिलाओं एवं युवतियों के मन में असुरक्षा के भाव उत्पन्न हो रहे हैं।-रीना
अधिकांशत: स्थानों पर स्ट्रीट लाइट्स के खराब होने के कारण शहर की आवास-विकास समेत अन्य प्रमुख कॉलोनियों एवं मोहल्लों में शाम होते अंधेरा छा जाता है। इससे पढ़ाई तथा अन्य कामों से घर से बाहर जाने वाली महिलाएं स्वयं को असुरक्षित महसूस करती हैं। -सोनम दयाल
महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ने का मुख्य कारण जागरूकता और सुरक्षा की कमी है। प्रशासन को महिलाओं की सुरक्षा एवं मनचलों पर नकेल कसने के लिए एंटी रोमियो स्क्वाइड आदि दलों को ज्यादा सक्रिय रखने की जरूरत नजर आती है। -अनीता
पुलिस एवं प्रशासन को महिला सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए शहर के बाहरी क्षेत्र में पेट्रोलिंग बढ़ानी चाहिए। जिससे दिन या रात में सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर महसूस हो। प्रमुख चौराहों एवं स्थानों पर सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह से सक्रिय रहने चाहिए।-स्नेहा शर्मा
निर्धन एवं माध्यम वर्ग के लोग अपनी बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी नहीं दिला पाते। सरकार एवं प्रशासन को ऐसी महिलाओं एवं युवतियों के लिए कम से काम 15 दिनों तक निशुल्क आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिलाना चाहिए। ताकि आपात स्थिति में वे बचाव कर सकें।-आकांक्षा शर्मा
सुरक्षा व्यवस्था कमजोर होने के कारण नगर के सहावर गेट स्थित रेलवे फाटक के आसपास, मोहन मोहल्ला में डॉ अग्रवाल वाली गली में चाय की दुकान के आसपास, गंगेश्वर कॉलोनी तथा सोरों गेट स्थित सिटी मोहल्ले में भी पुलिस सक्रियता बढ़नी चाहिए। -कायनात
किसी भी घटना के घटित होने पर महिलायें एवं युवतियों के लिए बनाई गईं हेल्प डेस्कों के बारे में गली मोहल्लों व स्कूल कालेजों में और भी जानकारी दी जाने चाहिए, इस प्रक्रिया को और भी व्यापक करने की जरूरत है, तभी बेहतर माहौल होगा। -ऋचा
महिला हेल्पलाइन नंबर ज्यादा देर तक के लिए व्यस्त नहीं रहनी चाहिए, जिससे हमें किसी भी आपात स्थिति में सहायता लेने में देरी का सामना नहीं करना पड़े। हेल्प लाइन तत्काल और एक बार में ही उठने चाहिए, जिससे पीड़ित को सुरक्षा कुछ मिनटों में मिल सके। -भावना तिवारी
महिला पुलिस जिस तरह से शहर में जागरूकता बढ़ा रही है, उसी तरह से गांवों में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम बढ़ाकर महिलाओं व युवतियों को जोड़ना चाहिए, जिससे उन्हें कोई गुमराह नहीं कर सके और उन्हें अपराध या घरेलू हिंसा से बचाया जा सकेगा। -गीतिका दीक्षित
महिलाओं को घर में बेटा बेटियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके मोबाइलों पर बढ़ती सक्रियता पर ध्यान रखना चाहिए, पुलिस और प्रशासन जिस तरह के जागरूकता के कार्यक्रम चला रहे हैं, उन पर ध्यान रखकर पालन करने पर विचार करना चाहिए। -सपना
महिलाओं एवं युवतियों के साथ अपराध बढ़ने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए, हालांकि पिछले समय से पुलिस ने मिशन शक्ति और ऑपरेशन जागृति जैसे प्रभावी कदम उठाकर महिला सुरक्षा की दिशा में काम किया है। यह अच्छा प्रयास है। -पूजा भारद्वाज
कोचिंग जाने के दौरान जहाँ रास्ते में अराजक तत्वों को लेकर हमें बहुत ही सतर्क रहना पड़ता है। प्रशासन को नगर में प्रमुख स्थान चिन्हित करके वहां पुलिस कर्मियों को तैनात करना चाहिए। जिससे कि हम स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सकें। -यशिका
सुरक्षा को लेकर चिंतित रहने के कारण हमारे माता-पिता हमें जल्दी घर लौटने की हिदायत देते हैं। शाम के समय कई जगहों पर स्ट्रीट लाइट्स भी खराब पड़ी हुई हैं। इससे मनचलों की हरकतों का डर बना रहता है। प्रशासन को शहर में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ानी चाहिए। -कशिश वर्मा
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