Hindi NewsUttar-pradesh NewsAgra NewsHistoric Mata Rani Temple Fair in Itora Scheduled for April 4-6 2023

बोले आगरा: इटौरा का ऐतिहासिक मेला पास, समस्याओं का अंबार

Agra News - इटौरा स्थित माता रानी के मंदिर का ऐतिहासिक मेला इस बार चार से छह अप्रैल तक लगेगा। मेले की तैयारियां पूरी हैं, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता बनी हुई है। भक्तों की सुविधा के लिए विशेष सुरक्षा और शौचालयों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराWed, 9 April 2025 04:01 PM
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बोले आगरा: इटौरा का ऐतिहासिक मेला पास, समस्याओं का अंबार

इटौरा स्थित माता रानी के मंदिर का ऐतिहासिक मेला इस बार चार से छह अप्रैल तक लगेगा। मेला कमेटी लगातार मेले को भव्य और आकर्षक बनाने के लिए प्रयास कर रही है। इस बार भी तैयारियां पूरी हैं। लेकिन प्राचीन मेले को लेकर अभी सरकारी स्तर पर उदासीनता है, जबकि इस मंदिर की मान्यता काफी दूर तक है। पदाधिकारियों ने समय रहते समस्या निदान की मांग की है। जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर इटौरा में श्री कैला देवी ब्रज धाम मंदिर स्थित है। यह प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर पर वर्ष में दो बार मेला लगता है। चैत्र नवरात्र एवं भादों माह में नवरात्र की सप्तमी, अष्टमी और नौंवी को मेले का आयोजन किया जाता है। चैत्र नवरात्रों में आयोजित होने वाले मेले में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। चाहरवाटी के सैकड़ों गांवों से लेकर आगरा शहर केभी भक्त यहां आते हैं।

सोमवार को बोले आगरा के संवाद में मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मनमोहन गोयल ने बताया है कि यह मंदिर काफी प्राचीन है। 251 वर्ष पहले मुड़सान की महारानी कुंदन देवी ने इस मंदिर का नर्मिाण कराया था। तब से लेकर यहां मेले का आयोजन होता चला जा रहा है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पर दर्शन के लिए आते हैं। अतः प्रशासन से मांग है कि यहां मोबाइल शौचालय की व्यवस्था हो।

मंत्री रवि चौधरी ने बताया है कि मेले में पहुंचना इस बार काफी दुष्कर होगा। सड़क में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। जल भराव और गड्ढा के चलते मेले में पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। संबंधित विभाग इस ओर ध्यान दें।

संरक्षक प्रभु दयाल शर्मा ने बताया है कि मंदिर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा जरूरी है। पुलिस प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। ग्वालियर हाइवे के अलावा मेला क्षेत्र में पुलिस बल तैनात हो। उपाध्यक्ष वीरपाल सिंह ने बताया है कि मेले में महिला श्रद्धालु अधिक आती हैं। ऐसे में महिलाओं पुलिस कर्मियों की तैनाती अधिक रहनी चाहिए। तभी उनमें सुरक्षा की भावना आएगी। इधर

ग्राम प्रधान गौरव चौधरी ने बताया है कि मेले प्रांगण के अंदर जल निगम की टंकी खड़ी हुई है। वह काफी जर्जर हो गई है। इसके गिरने की आशंका रहती है। भक्तों को हर समय डर रहता है। इसके लिए प्रशासन को कई बार टंकी गिराने के लिए लिखित में अवगत करा दिया गया है।

संवाद के दौरान अन्य पदाधिकारियों व क्षेत्र के लोगों ने बताया कि इटौरा का मेला क्षेत्र की शान है। इसको लगातार भव्य रूप दिया जा रहा है। शासन-प्रशासन इसमें सहयोग करे। क्षेत्र में कई स्थानों पर बिजली के तार लटके हुए हैं। उनको हटाया जाए। आवारा जानवर भी क्षेत्र में समस्या बने हुए हैं।ये मेला क्षेत्र में घुस जाते हैं। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। इन पर मेले के दनों में अंकुश लगाया जाए।

मंदिर में हैं आकर्षक प्रतिमाएं

जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर इटौरा में पहले श्री कैला देवी ब्रज धाम मंदिर में कैला मैया की प्रतिमा विराजमान थी। परंतु मंदिर कमेटी द्वारा मंदिर को लगातार हर वर्ष भव्य रूप दिया जा रहा है। अब मंदिर में जहां 38 फुट की विशाल हनुमान जी की प्रतिभा लोगों को अपनी और आकर्षक करती है तो पीतल के नंदी महाराज एवं मातारानी की सवारी शेर भी यहां हैं। मंदिर प्रांगण में शनि देव महाराज की विशालकाय शिला लगी हुई है। वहीं हनुमान जी प्रतिमा के बराबर पर भोले बाबा की सुंदर प्रतिमा और भोले बाबा का परिवार भी प्रतिमा के साथ विराजमान है। मंदिर में भगवान वष्णिु और मां लक्ष्मी की भी प्रतिमा है। श्री कृष्णा और राधा जी की प्रतिमा भी लोगों को अपनी और आकर्षक करती है। भगवान राम, लक्ष्मण और सीता माता के साथ महाराज निषाद राज गुह की भी प्रतिमा लगी हुई है।

सच्चे मन से मांगी गई मनौती होती है पूरी

मान्यता है कि मंदिर पर सच्चे मन से मांगी गयी मनौती जरूर पूरी होती है। भक्तों द्वारा यहां बड़ी संख्या में नेजा और घंटा चढ़ाए जाते हैं। यह भी मान्यता है कि जो भी भक्त करौली केला देवी दर्शन के लिए पहुंचता तो वह यहां आकर भी इटौरा मंदिर पर मत्था टेकता है। इधर मंदिर की सुरक्षा हेतु मंदिर कमेटी के द्वारा पूरे मंदिर प्रांगण में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

भक्तों की बात

श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहां सुरक्षा इंतजाम के लिए प्रशासन से अपील है कि पुलिस के साथ-साथ पीएसी मेले में लगाई जाए।

-मनमोहन गोयल, अध्यक्ष

मेले का आयोजन व्यवस्थित तरीके और एकजुटता से होना चाहिए। जिससे युवा आकर्षित हों। मेले को आकर्षक रूप देना जरूरी है।

-अंकुर शर्मा

मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। इसलिए गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था शासन प्रशासन के सहयोग से सुनश्चिति होनी चाहिए।

रंजीत सिंह, संस्कृति मंत्री

मेले में महिलाओं की खरीदारी या अन्य ज़रूरी चीजों के लिए अलग से व्यवस्था की जाए। जिससे महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें।

-विशन स्वरूप श्रीवास्तव

मेले में विशेष समस्या महिलाओं की सुरक्षा पर होती है। हर बार कोई न कोई घटना घटित होती है। महिला सुरक्षा को देखते हुए कदम उठाएं।

-श्याम सुंदर शर्मा

प्रशासन से अपील है कि इस बार मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुलभ शौचालय का इंतजाम किया जाए।

गौरव चौधरी

मंदिर प्रांगण में जल निगम की प्राचीन और जर्जर टंकी खड़ी है जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है।

-प्रभु दयाल शर्मा,संरक्षक

मेले के अंदर और बाहर पुलिस चौकसी बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेला प्रांगण में शिविर लगाए जाए।

-महीपाल सिंह

मेले के दौरान वरष्ठि नागरिकों, महिलाओं, और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

-सत्यनारायण शर्मा

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