इटावा में 25 करोड़ के घोटाले में महिला बैंक मैनेजर समेत 3 गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
- इटावा में जिला सहकारी बैंक में हुए 25 करोड़ के घोटाले के पुलिस ने महिला बैंक मैनेजर और पूर्व प्रधान को भी गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
यूपी के इटावा में जिला सहकारी बैंक में हुए 25 करोड़ के घोटाले के पुलिस ने महिला बैंक मैनेजर और पूर्व प्रधान को भी गिरफ्तार कर लिया। पूर्व प्रधान के खाते में 2.28 करोड़ रुपये भेजे गए थे। पुलिस की छानबीन में दोनों की संलिप्तता मिलने के बाद कार्रवाई की गई। घपले की शिकायत पर चली लंबी जांच में पुष्टि के बाद उपमहाप्रबंधक उमेश कुमार व वरिष्ठ शाखा प्रबंधक राजीव त्रिपाठी ने 10 लोगों के खिलाफ 17 जुलाई को मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने घोटाले की छानबीन की जिसके बाद अब तक अलग-अलग नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शुक्रवार को पुलिस ने बैंक शाखा प्रबंधक सुनीता व कुनैठी भरथना के पूर्व प्रधान प्रभात कुमार को धर-दबोचा, कोर्ट में पेश कर दोनों को जेल भेज दिया गया। घोटाले में सुनीता की आईडी इस्तेमाल की गई, इसके चलते एफआईआर में उनका नाम था। पुलिस को पता चला कि प्रभात कुमार के खाते में घोटाले की रकम में से 2.28 करोड़ भेजे गये थे, बाद में धन निकाल लिया गया। एसएसपी संजय वर्मा ने बताया कि मामले में सात आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। छानबीन अभी जारी है, अभी और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
बैंक मैनेजर की बीवी और मां समेत चार गिरफ्तार
इससे पहले इटावा पुलिस ने 25 करोड रुपए के बैंक घोटाले के मामले में बैंक मैनेजर की बीवी और मां समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इस कांड में जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी और उनके पिता भी शामिल थे। एसएसपी संजय कुमार ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 16 जुलाई को कोतवाली थाने में दर्ज 25 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी के मामले में पुलिस जांच में पता चला कि जिला सहकारी बैंक के निलंबित शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी ने अपने पिता शैलेंद्र चतुर्वेदी, मां ऊषा चतुर्वेदी, पत्नी मालती चतुर्वेदी और आभूषण कारोबारी उज्ज्वल पोरवाल के खाते में मोटी रकम जमा कराई थी, जिसके आधार पर इन चारों को गिरफ्तार किया गया।
5 साल चला घोटाले का खेल
बैंक में घोटाले का यह मामला साल 2018 से लेकर 2023 तक का है। दरअसव दिसंबर 2023 में आई शिकायत पर पहले प्राथमिक जांच कराई गई थी। इसमें मामला सही पाए जाने पर दो कर्मचारियों वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी और कैशियर नफीसुल जैदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद जांच कमेटी बनाकर पूरे प्रकरण की शुरुआत से जांच कराई गई। अन्य कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया है।