लखनऊ में डॉक्टरों की हड़ताल से 2000 मरीजों को नहीं मिला इलाज, OPD से वार्ड तक में अफरा-तफरी
राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में डॉक्टरों की हड़ताल से 2000 मरीजों को इलाज नहीं मिला। ओपीडी से लेकर वार्ड तक में सेवाएं रोक दी। इसकी वजह से केजीएमयू में अफरा-तफरी का माहौल है।
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कोलकाता कांड के विरोध में लखनऊ केजीएमयू रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार को कामकाज ठप कर दिया। ओपीडी से लेकर वार्ड तक में सेवाएं रोक दी। इसकी वजह से केजीएमयू में अफरा-तफरी का माहौल है। मरीजों को तड़पता छोड़ रेजिडेंट डॉक्टर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। इसमें दो रेजिडेंट डॉक्टरों की तबीयत बिगड़ गई है। जांच में ग्लूकोज का स्तर काफी कम हो गया है।
सुबह करीब नौ बजे से केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टरों ने आन्दोलन शुरू कर दिया। ओपीडी में रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम करने से मनाकर दिया। अधिकारियों ने रेजिडेंट डॉक्टरों को मनाने का काफी प्रयास किया। लेकिन वे नहीं माने। नारेबाजी करते हुए ओपीडी से बाहर निकल आए। परिसर में घूम-घूम कर काम कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों को बुलाया। इससे वार्डों में भी अफरा-तफरी मच गई। डॉक्टर मरीजों को छोड़कर चले गए।
स्टाफ नर्स व पैरामेडिकल के भरोसे मरीज रहे। पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी की जांचें भी प्रभावित हुई। बायोप्सी जांचें नहीं हो सकी। दूर-दराज से आए मरीजों को खासी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। ओपीडी में करीब 2000 से ज्यादा मरीजों को इलाज नहीं मिला। 20 से अधिक ऑपरेशन नहीं हुए। 50 से अधिक मरीजों की पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांचें नहीं हो सकी।