बिभास ने कहा कि मुकदमे के दौरान आठ विशेषज्ञों सहित 24 गवाहों से पूछताछ की गई। उन्होंने कहा कि अपराध में आरोपी की भूमिका स्थापित करने के लिए अभियोजन पक्ष ने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) की सहायता ली।
खंडपीठ ने मामले में एकमात्र दोषी संजय रॉय को सुनाई गई सजा को चुनौती देने वाली बंगाल सरकार की अपील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने रॉय को मौत की सजा सुनाने की अपील करते हुए एचसी में अपील दायर की थी।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी चिकित्सकों की अनुपस्थिति विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर होनी चाहिए, इसे मिसाल नहीं माना जा सकता।
अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ बीएनएस धारा 64,66, 103/1 के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायत है कि आरोपी आरजी कर मेडिकल कॉलेज गया। वह सेमिनार रूम में जाकर वहां आराम कर रही महिला डॉक्टर पर हमला कर दिया।
मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को जब सियालदह की अदालत से बाहर ले जाया जा रहा था, तब उसने कहा कि मैंने कुछ नहीं किया है। मुझे इस बलात्कार-हत्याकांड में फंसाया गया है। मेरी कोई नहीं सुन रहा है। सरकार मुझे फंसा रही है और मुंह नहीं खोलने की धमकी दे रही है।
जूनियर डॉक्टर ने कहा, ‘राज्य सरकार समय सीमा के भीतर हमारी मांगें पूरी करने में विफल रही, इसलिए हम अपनी मांगें पूरी होने तक आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं। इसमें पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हमने उस मंच पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।
जूनियर डॉक्टर ने बताया कि इस घटना में 3 जूनियर डॉक्टर, 3 नर्स और स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए थे। हादसे के बाद कनिष्ठ चिकित्सकों और नर्स ने बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर 'काम बंद करो' प्रदर्शन का आह्वान किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, इसे लेकर बंगाल के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के ओएसडी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। यह एफआईआर टीएमसी सांसद के कार्यालय की ओर से दर्ज कराई गई है।
हॉस्टल वार्डन की कुछ दिन पहले शादी हुई थी। इसके बाद से ही उसका पति अक्सर छात्रावास आता रहता था। वह रात भर पत्नी के साथ रुकता भी था। मगर, इसकी जानकारी छात्रावास के अधिकारियों को नहीं थी।
सीबीआई अधिकारी ने बताया कि बिस्वास कथित तौर पर मेडिकल कॉलेजों में सक्रिय ‘उत्तर बंगाल लॉबी’ का हिस्सा हैं। उन्हें 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में देखा गया था।