पीएम मोदी की मधुबनी रैली मे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारा करते हुए कहा कि ललन सिंह की वजह से भाजपा और जदयू का गठबंधन टूटा था। बाद में उन्हें लगा कि आरजेडी-महागठबंधन वाले गड़बड़ कर रह हैं तो जदयू एनडीए में वापस आ गई।
पटना स्थित जेडीयू कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है ‘25 से 30, फिर से नीतीश’। इस पोस्टर के बहाने जेडीयू ने साफ संदेश दिया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए आगामी बिहार चुनाव लड़ेगा और जीत का दावा भी किया गया है।
मुख्यमंत्री सह जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के आवास पर बुधवार को बीजेपी नेता सम्राट चौधरी, नित्यानंद राय, दिलीप जायसवाल समेत कई नेता पहुंचे।
इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए और महागठबंधन, दोनों में सीएम पद को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। ऐसे में, नीतीश कुमार बनाम तेजस्वी यादव का सीधा मुकाबला होने की संभावना थोड़ी कम हो गई है। हालांकि, आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
नायब सिंह सैनी के इस बयान के बाद जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसपर अपनी बात रखी। नीरज कुमार ने कहा कि जिनका नाम लेकर सैनी जी यह बात कह रहे हैं कि वो खुद पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इस बार बिहार चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। तो फिर इसका क्या मतलब।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हर तरफ चल रही उठापटक के बीच भाजपा के बुजुर्ग नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को जेडीयू अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में देश का डिप्टी पीएम नजर आने लगा है।
पार्टी एक व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू करेगी, जिसमें नेता घर-घर जाकर लोगों को वक्फ कानून की खूबियों के बारे में बताएंगे और विपक्ष के दावों को खारिज करेंगे।
नए वक्फ कानून को समर्थन की वजह से मौलाना और उलेमा के निशाने पर चल रही जेडीयू के नेता और नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि उन्हें मौलाना की जरूरत नहीं है। इससे पहले ललन सिंह ने कहा था कि मुसलमान जदयू को वोट नहीं करते।
लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर वोटिंग होनी है। इसके लिए भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने कमर कस ली है। यहां तक कि भाजपा ने मंगलवार को ही व्हिप जारी कर दी है और अपने सभी सांसदों से लोकसभा में मौजूद रहने को कहा है। व्हिप में कहा गया कि बुधवार को सदन में अति महत्वपूर्ण विधायी कार्य है।
जेडीयू एमएलएस भगवान सिंह कुशवाहा ने निशांत कुमार के राजनीति में आने का विरोध करते हुए कहा है कि फिर लालू यादव और नीतीश कुमार में क्या अंतर रह जाएगा।