बेटे गुकेश के विश्व चैंपियन बनने पर मां के नहीं रुके आंसू, बंद कर रखा था फोन-टीवी; जानिए किसने दी खुशखबरी
- गुकेश की मां पद्माकुमारी ने बेटे की जीत पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें गुकेश के चैंपियन बनने की खबर मिली तो वह 10 मिनट तक रोती रही थी। गुकेश चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे युवा विश्व चैम्पियन बने।
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चेन्नई के 18 वर्ष के ग्रैंडमास्टर डी गुकेश गुरुवार को चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे युवा विश्व चैम्पियन बने। वह विश्वनाथन आनंद के बाद खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। गुकेश के पिता मुकाबले के दौरान उनके साथ ही थे और चैंपियन बनने पर काफी खुश नजर आए थे। वहीं गुकेश की मां ने पहली बार बेटे के चैंपियन बनने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। गुकेश की मां डॉक्टर पद्माकुमारी ने बताया है कि जब उन्हें अपने बेटे के विश्व चैंपियन बनने की खबर मिली तो वह काफी देर तक अपने आंसू नहीं रोक सकी।
चैम्पियनशिप का आखिरी मुकाबला करीब तीन सप्ताह तक चला। विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतने वाले गुकेश दूसरे भारतीय हैं। आनंद ने पांच बार चैम्पियनशिप जीती थी। डी गुकेश की मां ने बताया कि वह मुकाबले को लेकर इतनी नर्वस थी कि उन्होंने पूरे दिन फोन और कम्पूयटर से दूरी बना रखी थी। शाम सात बजे के करीब गुकेश की आंटी ने घर आकर ने बेटे की ऐतिहासिक जीत के बारे में उन्हें बताया।
गुकेश की मां पद्माकुमारी ने कहा, ''मुझे विश्वास नहीं हआ और 10 मिनट तक मैं रोती रही। हमारे लिए ये काफी खुशी का मौका है। लेकिन यह मुझे सभी बलिदानों की भी याद दिलाता है, खासकर गुकेश के पिता द्वारा। हमारे परिवार में मौजूद दादा-दादी, ससुराल वाले, बहनें और दोस्त-सभी ने हमारा समर्थन करने के लिए हाथ बढ़ाया। हम उनके प्रति बहुत आभारी हैं।"
अपनी अविश्वसनीय जीत के बाद गुकेश ने कहा, ‘‘मैं पिछले 10 साल से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मैंने इस सपने को हकीकत में बदला।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा भावुक हो गया था क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी। लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला। ’’
गुकेश ने कहा, ‘‘मैं छह-सात साल की उम्र से ही इस पल का सपना देख रहा था और इसे जी रहा था। हर शतरंज खिलाड़ी इस पल को जीना चाहता है। मैं अपना सपना जी रहा हूं। मैं कैंडिडेट्स से चैंपियनशिप तक के सफर के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।''
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