डी गुकेश के वर्ल्ड चैंपियन बनने और भारत के 2011 वर्ल्ड कप जीतने में है खास कनेक्शन, आपको पता है क्या?
- डी गुकेश के इस वर्ल्ड चैंपियन बनने के सफर के दौरान उनके मेंटल हेल्थ कोच साउथ अफ्रीका के पैडी अप्टन थे, जो 2011 वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के भी साथ थे।
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18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन…भारत के डी गुकेश ने वो कर दिखाया है जो आज तक पूरी दुनिया में कोई नहीं कर पाया। डी गुकेश से पहले अगर दुनिया के सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन की बात करें तो यह रिकॉर्ड गैरी कास्पारोव के नाम था, जिन्होंने 9 नवंबर 1985 को 22 साल 6 महीने और 27 दिन की उम्र में चेस की दुनिया पर राज किया था। अब गुकेश ने 18 साल 8 महीने और 14 दिन की उम्र में यह कारनामा कर इतिहास रच दिया है। मगर क्या आप जानते हैं कि डी गुकेश के वर्ल्ड चैंपियन बनने और भारतीय क्रिकेट टीम के 2011 वर्ल्ड कप के खिताब जीतने में एक ‘मेंटल’ कनेक्शन है?
जी हां, डी गुकेश के इस वर्ल्ड चैंपियन बनने के सफर के दौरान उनके मेंटल हेल्थ कोच साउथ अफ्रीका के पैडी अप्टन थे, जो 2011 वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के भी साथ थे।
पैडी अप्टन का लगता है भारत के साथ कुछ खास नाता है। जब भारत पहली बार नंबर 1 टेस्ट टीम बना, तब वे टीम इंडिया के ही साथ थे। इसके बाद वे भारत की 2011 वर्ल्ड कप कोचिंग टीम का हिस्सा रहे थे। क्रिकेट के बाद वे 2024 में पेरिस में भारतीय हॉकी टीम के साथ थे, जहां मेंस टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता और अब वे 2024 विश्व चैंपियनशिप में गुकेश के साथ हैं।
18 साल की उम्र में किसी खेल के सबसे बड़े टूर्नामेंट में खेलना अक्सर कौशल से ज्यादा दिमाग की परीक्षा होती है। दरअसल, 2013 में जब 23 साल के मैग्नस कार्लसन, जिन्हें अब खेल में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक माना जाता है, भारतीय दिग्गज विश्वनाथन आनंद के खिलाफ़ अपना पहला विश्व चैम्पियनशिप खेल रहे थे, तो उन्हें लगा कि उनके हाथ कांप रहे हैं।
आनंद ने भी एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि अक्सर ऐसे मुकाबलों के दौरान दिमाग खिलाड़ी के साथ खेलता है, जिससे व्यक्ति खुद पर संदेह और घबराहट में पड़ जाता है।
इसलिए, इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद, गुकेश एक मानसिक कंडीशनिंग कोच की तलाश कर रहे थे, और तभी उन्होंने पैडी अप्टन से संपर्क किया।
साउथ अफ्रीका के इस इंटरनेशनल खिलाड़ी ने 2008 से 2011 के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के मानसिक कंडीशनिंग कोच के रूप में काम किया, इस दौरान भारत ने 2011 वर्ल्ड कप का खिताब जीता। हाल ही में, वह पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मेंटल कंडीशनिंग कोच थे।
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