हनुमान बेनीवाल की जान को खतरा! IB इनपुट से अलर्ट पर सरकार
जयपुर की सियासी गर्मी इन दिनों अपने चरम पर है! आरएलपी सुप्रीमो सांसद हनुमान बेनीवाल ने पेपर लीक मामले पर सरकार को सीधी चुनौती देते हुए आज से जयपुर में बड़ा आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है। लेकिन आईबी की इनपुट ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है।

जयपुर की सियासी गर्मी इन दिनों अपने चरम पर है! आरएलपी सुप्रीमो सांसद हनुमान बेनीवाल ने पेपर लीक मामले पर सरकार को सीधी चुनौती देते हुए आज से जयपुर में बड़ा आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है। लेकिन आंदोलन से ठीक पहले राज्य सरकार की टेंशन बढ़ गई है। खुफिया एजेंसी इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) की रिपोर्ट ने सरकार को अलर्ट कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, बेनीवाल की जान को खतरा है!
इसी के चलते सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए हनुमान बेनीवाल की सुरक्षा बढ़ा दी है। उनके घर के बाहर क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) तैनात कर दी गई है। पर जनाब बेनीवाल तो बेनीवाल हैं! उन्होंने साफ कर दिया और कहा कि हम डरने वालों में से नहीं हैं। जनता के लिए लड़ता रहा हूं और लड़ता रहूंगा। आंदोलन में हर हाल में शामिल होऊंगा।
बेनीवाल ने 2 दिन पहले ही प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार को घेरा था और कहा था कि 26 अप्रैल को जयपुर में एसआई भर्ती परीक्षा-2021 की रद्दीकरण की मांग को लेकर आरएलपी अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत करेगी। आंदोलन का ठिकाना – जयपुर कमिश्नरेट के बाहर! टाइमिंग सुबह 11:15 बजे! और बेनीवाल ने समर्थकों से साफ अपील की है कु ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचो, ये सरकार को जवाब देने का वक्त है
अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर उन्होंने सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जनता से जो वादे किए थे, वे सब भूल गए हैं। युवाओं को न्याय दिलाने का वादा सिर्फ चुनावी जुमला बन गया है। वहीं इस आंदोलन को सियासी ताकत भी मिलती नजर आ रही है। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी बेनीवाल की तारीफ कर डाली। मीणा बोले यह अच्छी बात है कि वे युवाओं के हक में आवाज उठा रहे हैं। साथ ही किरोड़ी के करीबी युवा नेता भी अब बेनीवाल के आंदोलन के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
तो एक तरफ बेनीवाल, दूसरी तरफ बढ़ती सुरक्षा और तीसरी तरफ युवा समर्थन – जयपुर में आज गरमाने वाली है राजनीति की फिजा। देखना ये होगा कि सरकार इस दबाव में झुकती है या आंदोलन के स्वर और भी तेज होते हैं। अब सवाल ये है – क्या पेपरलीक के इस संग्राम में जनता को इंसाफ मिलेगा या फिर ये भी एक सियासी शो बनकर रह जाएगा?