सीएम भजनलाल शर्मा ने जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए माफी मांगी, जानिए क्या वजह
- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने क्षमायाचना को आत्मशुद्धि और मानसिक शांति का जरिया बताया। आचार्य शशांक सागर महाराज की वाणी में अद्भुत तेज और ओज है।
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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए माफी मांगी है। दरअसल, जैन समाज की ओर से रविवार को जयपुर के महावीर स्कूल में सामूहिक क्षमावाणी पर्व का आयोजन किया गया। इसमें शामिल हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने क्षमायाचना को आत्मशुद्धि और मानसिक शांति का जरिया बताया। सीएम ने कहा कि आचार्य शशांक सागर महाराज की वाणी में अद्भुत तेज और ओज है। वे समाज और देश को रास्ता दिखाने का काम कर रहे हैं। दसलक्षण और सामूहिक क्षमावाणी पर्व आध्यात्मिक शुद्धिकरण का पर्व है। साथ ही समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का भी अहसास करवाता है।
जैन धर्म में क्षमायाचना से आत्मशुद्धि होती है। व्यक्ति अपनी गलतियों को स्वीकार कर उनके लिए क्षमा मांगता है। क्षमा याचना से संबंधों में सुधार होता है और मानसिक शांति मिलती है। क्योंकि क्षमायाचना से गलतियों के बोझ से मुक्ति मिलती है। सीएम ने कहा कि यह व्यक्ति को अपने कर्मों के परिणाम को स्वीकार करने और उन्हें शुद्ध करने का अवसर देती है। क्षमायाचना से समाज में सद्भावना फैलाती है। यह दूसरों को यह महसूस करवाती है कि आप उनके प्रति सहानुभूति रखते हैं। जैन समाज क्षमा याचना के महत्व को बढ़ावा देता है। अपने सदस्यों को आत्मशुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद प्रदान करता है। गलती होना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है, लेकिन उस गलती को स्वीकार करते हुए क्षमा मांग लेना बहुत बड़ा मानवीय गुण भी है।
सीएम ने कहा कि अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगने के साथ ही सामने वाले को क्षमा करना भी बहुत बड़ी बात होती है। यह काम कोई वीर ही कर सकता है। इसलिए कहा गया है, क्षमा वीरस्य भूषणम। क्षमावाणी के अवसर पर सीएम ने भी जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि जैन धर्म पूरे विश्व को शांति और सद्भाव से रहने का संदेश देता है। जब गलतियों के लिए क्षमा मांग ली जाती है तो अपने आप ही सारे गिले-शिकवे दूर हो जाते हैं।