पत्नी व भाई संग गरीब नवाज के दर पर पहुंचे प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी, बताया कौन सी दुआ मांगी
- दरगाह के प्रमुख ने गौतम अडानी का स्वागत किया और उनके सिर पर साफा रखते हुए उन्हें दरगाह तक ले गए। इस दौरान अडानी हाथों में गुलाब के फूलों से भरी टोकरी हाथों में लेकर दरगाह तक पहुंचे।
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भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक और अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी शनिवार को अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर पहुंचे। जहां उन्होंने पत्नी प्रीति अडानी के साथ मिलकर गरीब नवाज की दरगाह पर चादर चढ़ाई। इस दौरान उनके भाई राजेश और उनकी पत्नी भी साथ में थे। इस बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए उद्योगपति ने बताया कि यहां उन्होंने सभी के लिए बरकत और सलामती की दुआएं मांगी।
यहां पहुंचने पर दरगाह के प्रमुख सैयद सलमान चिश्ती ने उनका स्वागत किया और उनके सिर पर साफा रखते हुए उन्हें दरगाह तक ले गए। इस दौरान अडानी हाथों में गुलाब के फूलों से भरी टोकरी हाथों में लेकर दरगाह तक पहुंचे और पूरी अकीदत के साथ गरीब नवाज की दरगाह पर चादर चढ़ाई। इस दौरान उनकी पत्नी ने भी साड़ी के पल्लू से सिर ढंककर चादर पर हाथ लगाया।
बता दें कि करीब हफ्तेभर पहले 7 फरवरी को ही अडानी परिवार के घर एक मांगलिक कार्य हुआ है, जिसमें उनके बेटे जीत की शादी हुई है। इस मौके पर अडानी परिवार के नवविवाहित जोड़े ने हर साल 500 दिव्यांग लड़कियों की शादी कराने और इनमें से हर एक को 10 लाख रुपए का आर्थिक सहयोग देने का संकल्प लिया था।
इस बारे में जानकारी देते हुए गौतम अडानी ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि मेरा बेटा जीत और बहू दिवा अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत एक पुण्य संकल्प से कर रहे हैं। जीत और दिवा ने प्रति वर्ष 500 दिव्यांग बहनों के विवाह में प्रत्येक बहन के लिए 10 लाख का आर्थिक सहयोग कर ‘मंगल सेवा’ का संकल्प लिया है।’
‘एक पिता के रूप में यह ‘मंगल सेवा’ मेरे लिए परम संतोष और सौभाग्य का विषय है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस पावन प्रयास से अनेकों दिव्यांग बेटियों व उनके परिवारों का जीवन सुख, शांति और सम्मान से आगे बढ़ेगा। मेरी प्रभु से यही प्रार्थना है कि वह जीत और दिवा को सेवा के इस पथ पर निरंतर आगे बढ़ने का आशीर्वाद और सामर्थ्य दें।’
इसके अलावा एक अन्य पोस्ट में उन्होंने बेहद सादे समारोह में बेटे की शादी करने की सूचना दी थी और ज्यादा लोगों को ना बुलाए जाने को लेकर लोगों से क्षमा भी मांगी थी। उन्होंने लिखा था, ‘परमपिता परमेश्वर के आशीर्वाद से जीत और दिवा आज विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए। यह विवाह आज अहमदाबाद में प्रियजनों के बीच पारंपरिक रीति रिवाजों और शुभ मंगल भाव के साथ संपन्न हुआ।’
'यह एक छोटा और अत्यंत निजी समारोह था, इसलिए हम चाह कर भी सभी शुभचिंतकों को आमंत्रित नहीं कर सके, जिसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ। मैं आप सभी से बेटी दिवा और जीत के लिए स्नेह और आशीष का हृदय से आकांक्षी हूँ।'