तेज म्यूजिक पर झूम रहे थे लड़के-लड़कियां, गुप्त सूचना पर पहुंची जयपुर पुलिस; नशे में मिले 150 युवक-युवतियां
राजस्थान पुलिस को ऑपरेशन नॉक आउट के जरिए बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने जयपुर, गुड़गांव, फरीदाबाद और दिल्ली के करीब 150 युवकों को पकड़ा है। रेड के दौरान, तेज आवाज में संगीत बज रहा था और ज्यादातर लोग शराब और नशीली दवाओं के प्रभाव में थे।
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राजस्थान पुलिस को ऑपरेशन नॉक आउट के जरिए बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने जयपुर, गुड़गांव, फरीदाबाद और दिल्ली के करीब 150 युवकों को पकड़ा है। रविवार रात करीब 1:30 बजे जयपुर-दिल्ली नेशनल हाइवे पर स्थित लबाना गांव में एक फार्महाउस-कम-रिजॉर्ट में रेव पार्टी चल रही थी। गुप्त जानकारी के आधार पर पहुंची पुलिस को कथित तौर पर युवक-युवतियां ड्रग्स और शराब पीते मिले। पुलिस ने जयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर इस वेन्यू से स्मैक, 500 से ज्यादा बीयर की बोतलें, 17 बोतलें विदेशी शराब और कई हुक्के जब्त किए हैं।
फार्महाउस के मालिक 49 साल के संजय लुहाडिया और पार्टी ऑर्गेनाइजर 30 वर्षीय हर्षवर्धन कुमार सैनी को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम और आबकारी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 63 युवकों को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) के तहत दंडित करने और उनके माता-पिता को उनकी संलिप्तता के बारे में सूचित करने के बाद छोड़ दिया।
संजय लुहाडिया सोडाला के शिवाजी नगर का निवासी है, जबकि हर्षवर्धन शहर के शिप्रा पथ इलाके में रहता है। जयपुर ग्रामीण एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि यह इवेंट (कार्यक्रम) लबाना गांव में स्टोरीज- द ऑर्गेनिक फार्म कैफे में बिना किसी एक्साइज लाइसेंस के आयोजित किया गया था। उन्होंने बताया कि रेव पार्टी का निमंत्रण व्हाट्सएप और सोशल मीडिया ग्रुप में सर्कुलेट किया गया था, जिसमें 5,000 रुपये तक के टिकट की पेशकश की गई थी। इसमें कपल्स के लिए छूट भी थी।
शर्मा ने पुष्टि की कि इवेंट में शामिल होने वाले लोग कम से कम चार शहरों से आए थे। रेड के दौरान, तेज आवाज में संगीत बज रहा था और ज्यादातर लोग शराब और नशीली दवाओं के प्रभाव में थे। यह कार्रवाई 'ऑपरेशन नॉक आउट' का हिस्सा थी, जिसका मकसद ग्रामीण जयपुर में नशीली दवाओं की खपत और तस्करी पर अंकुश लगाना था।
जयपुर ग्रामीण डीएसटी टीम ने एक गुप्त सूचना पर यह कार्रवाई की। जयपुर ग्रामीण साइबर सेल आरपीएस अधिकारी खलील अहमद की देखरेख में छापेमारी करने के लिए एक विशेष टीम बनाई। पुलिस ने 63 युवकों को हिरासत में लिया और उन्हें सीओटीपीए अधिनियम के तहत चालान जारी किए, जबकि बचे हुए लोगों को बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया। आगे की जांच चल रही है।