Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Yati Narsinghanand writes letter in his own blood to PM Modi, urges military action to protect Hindus in Bangladesh Pak

नरसिंहानंद ने PM को खून से लिखा खत, हिंदुओं की रक्षा को पाक-बांग्लादेश में मिलिट्री ऐक्शन का अनुरोध

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के विवादित महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने महाकुंभ की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से पत्र लिखकर पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा के लिए सैन्य कार्रवाई का आग्रह किया है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, महाकुंभ नगर। पीटीआईFri, 31 Jan 2025 11:48 AM
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नरसिंहानंद ने PM को खून से लिखा खत, हिंदुओं की रक्षा को पाक-बांग्लादेश में मिलिट्री ऐक्शन का अनुरोध

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के विवादित महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने महाकुंभ की पावन धरती से हिंदू रक्षा का आह्वान किया है। यति नरसिंहानंद सरस्वती ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से पत्र लिखकर पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा के लिए सैन्य कार्रवाई का आग्रह किया है।

यति नरसिंहानंद ने गुरुवार को बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं की रक्षा के लिए प्रयागराज महाकुंभ में श्रीदूधेश्वरनाथ मठ के शिविर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से एक पत्र लिखा।यति नरसिंहानंद ने पत्रकारों से कहा कि पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से पाकिस्तान और बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की रक्षा के लिए सैन्य कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

उन्होंने बताया कि खून से लिखे इस पत्र को डॉक्टर उदिता त्यागी और यति सन्यासी, सभी सनातनी धर्मगुरुओं के समक्ष ले जाएंगे, जहां उनसे इस पत्र के समर्थन में हस्ताक्षर करने की प्रार्थना की जाएगी। इस पत्र पर सबसे पहले श्रीमहंत नारायण गिरि जी महाराज ने हस्ताक्षर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को विश्व के हर हिन्दू की रक्षा की जिम्मेदारी लेनी ही चाहिए। इस अवसर पर यति सत्यदेवानंद, यति रामस्वरूपानंद और यति सत्यानंद भी मौजूद थे।

विवादित बयानों से अक्सर चर्चा में रहते हैं यति

बता दें कि, डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद अपने विवादित बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। उन्होंने बीते साल 29 सितंबर को पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसका पूरे देश में जगह-जगह भारी विरोध किया गया था। इस मामले में नरसिंहानंद के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था। महंत की अशोभनीय टिप्पणी के विरोध में 4 अक्टूबर को अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की भीड़ ने डासना मंदिर के बाहर प्रदर्शन किया था और कथित रूप से पथराव भी किया गया था।

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