Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Supreme Court says no pollution certificate to vehicles in NCR without colour coded sticker

NCR में चलने वाली गाड़ियों को लेकर क्या है सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2018 के अपने उस आदेश को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है, जिसमें NCR में चलने वाले वाहनों पर कलर कोडेड स्टिकर लगाने को कहा था।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 28 Jan 2025 06:57 PM
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NCR में चलने वाली गाड़ियों को लेकर क्या है सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2018 के अपने उस आदेश को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है, जिसमें NCR में चलने वाले वाहनों पर कलर कोडेड स्टिकर लगाने को कहा था। ये स्टिकर बताते हैं कि वाहन में किस प्रकार के ईंधन का इस्तेमाल किया जा रहा है। सर्वोच्च अदालत ने एनसीआर में शामिल राज्यों से कहा है कि जिन वाहनों पर ये स्टिकर नहीं लगाए गए हैं, उन्हें पलूशन सर्टिफिकेट ना दिया जाए।

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा, 'एनसीआर के राज्य निर्देश जारी करें कि जब तक उस आदेश का पालन ना किया जाए, कोई पलूशन सर्टिफिकेट ना दिया जाए।' 13 अगस्त 2018 के आदेश में सु्प्रीम कोर्ट ने कहा था कि पेट्रोल/सीएनजी वाहनों पर हल्के ब्लू रंग के स्टिकर लगाए जाएं। डीजल वाहनों पर ऑरेंज स्टिकर लगाने का आदेश दिया गया था। इसे 2 अक्टूबर 2018 तक लागू करना था।

कोर्ट ने सोमवार को इस आदेश को संशोधित करते हुए स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड वाहनों पर भी आदेश लागू होगा। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ऐसे वाहनों के मालिकों पर भी जुर्माना लगाया जाए जिन्होंने निर्देश का पालन नहीं किया है। अदालत ने आदेश दिया कि हलफनामा दायर करके बताएं कि वे किस तरह इसे लागू करने का प्रस्ताव करते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी। देश की सबसे बड़ी अदालत दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से जुड़े एक केस की सुनवाई कर रही थी।

एनसीआर राज्यों में राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा आते हैं। भाषा के मुताबिक पीठ ने कहा कि जहां तक ​​दिल्ली का सवाल है, वहां एक हलफनामा है जिसमें कहा गया है कि डीलरों को मैन्युफैक्चरर्स ने की ओर से एचएसआरपी रंग आधारित स्टिकर लगाने के काम के लिए अधिकृत किया गया था। पीठ ने कहा, 'हम एनसीआर राज्यों को आज से एक महीने के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं, जिसमें वे यह सुनिश्चित करेंगे कि 1 अप्रैल, 2019 से पहले बेचे गए प्रत्येक वाहन उक्त आदेश का पालन करें।'

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