दिल्ली में 'रेखाराज' का आगाज, 6 मंत्रियों संग शपथ; पर आगे है 5 मुश्किलों वाला 'अग्निपथ'
मैं रेखा गुप्ता.... दिल्ली की ऐतिहासिक रामलीला मैदान में इन तीन शब्दों के गूंजते ही राजधानी में 'रेखाराज' का आगाज हो गया है। छह मंत्रियों ने भी शपथ ली। भाजपा सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं।
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मैं रेखा गुप्ता.... दिल्ली की ऐतिहासिक रामलीला मैदान में इन तीन शब्दों के गूंजते ही राजधानी में 'रेखाराज' का आगाज हो गया है। 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौटी भाजपा की ओर से शालीमार बाग की विधायक रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। रेखा गुप्ता के साथ उनके 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली है। रेखा गुप्ता के बाद अरविंद केजरीवाल को परास्त करने वाले प्रवेश वर्मा ने शपथ ली।
रेखा गुप्ता और प्रवेश वर्मा के अलावा मनजिंदर सिंह सिरसा, आशीष सूद, रविंद्र इंद्रराज, कपिल मिश्रा और पंकज सिंह को एलजी वीके सक्सेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत करीब 50 हजार लोगों की मौजूदगी में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जिस रामलाली मैदान से कभी अरविंद केजरीवाल का उभार हुआ था वहीं भाजपा की नई सरकार ने आकार लिया है।
शपथ ग्रहण के बाद अब रेखा गुप्ता के सामने उन वादों को पूरा करने की चुनौती है, जिन पर भरोसा करके दिल्ली की जनता ने 48 सीटों पर कमल खिलाया है। रेखा गुप्ता के सामने 4 मुश्किलें भी हैं, जिसकी वजह से कहा जा रहा है कि उन्हें शपथ के बाद अग्निपथ पर चलना होगा।
1. सड़क, सीवर और पानी, दिल्ली तुरंत चाहती है 3 मुश्किलों से निजात
जिस समय रेखा गुप्ता ने सरकार की कमान संभाली है दिल्ली टूटी सड़कों, बजबजाती सीवर लाइनों और अधिकतर घरों में गंदे पानी की आपूर्ति से राजधानी के करोड़ों लोग परेशान हैं। लोग इन तीन समस्याओं को जल्द दूर होते देखना चाहते हैं।
2. मुफ्त वाली स्कीमों का भार, महिलाओं को मासिक 2500 रुपए देने की चुनौती
भाजपा सरकार इस वादे के साथ सत्ता में आई है कि आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान दी जा रही मुफ्त सुविधाओं को जारी रखा जाएगा। रेखा गुप्ता को एक तरफ जहां मुफ्त बिजली, पानी जैसी सुविधाओं को जारी रखना है तो दूसरी तरफ 'महिला समृद्धि योजना' के तहत महिलाओं को मासिक 2500 रुपए भी देने हैं।
3. यमुना की सफाई आसान नहीं, तीन साल का टारगेट
भाजपा सरकार को तीन साल के भीतर यमुना को साफ करके दिखाना है। भाजपा ने यमुना के प्रदूषण को चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनाया था। पार्टी ने संकल्प पत्र में वादा किया है कि यमुना को साफ किया जाएगा और तीन साल के भीतर रिवर फ्रंट का निर्माण किया जाएगा। यमुना की मौजूदा हालत को देखते हुए यह काम आसान नहीं होने वाला है।
4. इतना पैसा कहां से आएगा?
रेखा गुप्ता सरकार को जहां एक तरफ कई बड़े वादों को पूरा करना है तो उनके सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि दिल्ली सरकार के खजाने की हालत बहुत अच्छी नहीं है। दिल्ली सरकार का बजट लंबे समय से सरप्लस में रहा है, लेकिन अब यह घाटे में जाने की कगार पर है। सड़कों की स्थिति सुधारने, सीवर सिस्टम में बदलाव, घर-घर साफ पानी पहुंचाने और यमुना सफाई जैसे कामों में जहां भारी-भरकम निवेश करना होगा तो दूसरी तरफ मुफ्त वाली स्कीमों और महिला समृद्धि स्कीम से खजाने पर बहुत बोझ बढ़ने वाला है।
5. पार्टी नेताओं का विश्वास और सहयोग हासिल करना होगा
पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता के सामने एक चुनौती पार्टी के सभी नेताओं और विधायकों का सहयोग हासिल करना भी है। पार्टी ने कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करके रेखा गुप्ता को मौका दिया है। ऐसे में उन्हें सभी का दिल जीतना होगा ताकि टीम एकजुट होकर वह सपने पूरे कर सके जो दिल्लीवालों को दिखाए गए हैं।