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दिल्ली के किन-किन फ्लाईओवर को मरम्मत की दरकार, टीम करेगी 102 की जांच; PWD ने बनाया पूरा प्लान

दिल्ली में मौजूद 102 फ्लाईओवरों का निरीक्षण करने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पांच टीमों को तैनात किया है। यह टीमें अगले दो दिन इस बात का निरीक्षण करेंगी की किस फ्लाईओवर में किस तरह का मरम्मत कार्य किया जाना है।

Sneha Baluni नई दिल्ली। हिन्दुस्तान टाइम्सWed, 5 March 2025 08:18 AM
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दिल्ली के किन-किन फ्लाईओवर को मरम्मत की दरकार, टीम करेगी 102 की जांच; PWD ने बनाया पूरा प्लान

दिल्ली में मौजूद 102 फ्लाईओवरों का निरीक्षण करने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पांच टीमों को तैनात किया है। यह टीमें अगले दो दिन इस बात का निरीक्षण करेंगी की किस फ्लाईओवर में किस तरह का मरम्मत कार्य किया जाना है। विभाग ने मंगलवार को इसे लेकर आदेश जारी किया। पिछले हफ्ते इसे लेकर मंत्री प्रवेश वर्मा के साथ अधिकारियों की बैठक हुई थी। ऐसे में अब विभाग ने आदेश जारी करके कहा है, 'टीमों को दो दिनों के अंदर उन्हें आवंटित फ्लाईओवरों का निरीक्षण पूरा करना होगा और 6 मार्च को दोपहर 12 बजे तक चीफ इंजीनियर (फ्लाईओवर) को फ्लाईओवर-वाइज रिपोर्ट सौंपनी होगी।'

आदेश में कहा गया है कि चीफ इंजीनियर (फ्लाईओवर) उसी दिन शाम छह बजे तक रिपोर्ट कंपाइल (संकलित) कर पीडब्ल्यूडी सचिवालय को कार्रवाई शुरू करने के लिए भेजेंगे। इसमें उल्लेख किया गया है कि विशेष सचिव निरीक्षण कार्य की निगरानी करेंगे। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार, जिन फ्लाईओवरों की तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है, उनमें एंड्रयूज गंज फ्लाईओवर, गोकुलपुरी फ्लाईओवर, जखीरा फ्लाईओवर, तिलक नगर फ्लाईओवर, ओल्ड पंजाबी बाग और राजा गार्डन फ्लाईओवर और शादीपुर फ्लाईओवर शामिल हैं, जो राजधानी का सबसे पुराना फ्लाईओवर भी है। इसी बीच, सरिता विहार फ्लाईओवर की मरम्मत पहले से ही चल रही है।

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि ये सभी फ्लाईओवर कम से कम एक दशक से ज्यादा पुराने हैं और निर्माण के बाद से इनमें कोई बड़ा मरम्मत कार्य नहीं हुआ है। आमतौर पर मरम्मत में बियरिंग और अपर कंक्रीट लेयर में बदलाव के साथ-साथ एक्सपेंशन जॉइंट को बदलना शामिल होता है। अधिकारियों ने बताया कि तापमान में बदलाव की वजह से कंक्रीट फैलता और सिकुड़ता है और उसमें दरारें पड़ जाती हैं, जिसके कारण एक्सपेंशन जॉइंट एक छोटा सा गैप होता है जो कंक्रीट को फैलने और सिकुड़ने के लिए जगह देता है। उन्होंने बताया कि यह कंक्रीट स्लैब के बीच लगाया जाने वाला लोहे का जोड़ होता है, जो कंक्रीट को नुकसान से बचाता है और वाइब्रेशन को सोखता है।

अधिकारियों ने बताया कि टीमों को फ्लाईओवर का नाम और स्थान बताना होगा, साथ ही साफ-सफाई, टाइलिंग, पेंटिंग, लाइटिंग, अतिक्रमण की स्थिति और अन्य कोई समस्या होने पर रिपोर्ट देनी होगी। किसी भी तरह की चिंता होने पर टीमों को तस्वीरें खींचकर अटैच करनी होंगी। प्रत्येक निरीक्षण टीम में एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और दो असिस्टेंट इंजीनियर शामिल हैं। 1 से 5 नंबर वाली टीमों को क्रमशः 23, 17, 22, 19 और 21 फ्लाईओवर आवंटित किए गए हैं।

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