टी- सीरीज से समझौता हुए बिना ही ग्रेनो प्राधिकरण ने सड़क बनाने के लिए निविदा जारी कर दी
एलजी से शारदा गोलचक्कर तक अधूरी पड़ी सड़क का मामला प्राधिकरण द्वारा किए

ग्रेटर नोएडा, कार्यालय संवाददाता। एलजी गोलचक्कर से शारदा गोलचक्कर तक अधूरी पड़ी डेढ़ किमी लंबी सड़क का काम अभी और अटक सकता है। टी-सीरीज कंपनी प्रबंधन ने 48 एकड़ जमीन देने से मना कर दिया है। जनहित में सिर्फ 10 एकड़ देने को तैयार है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे समझौते के दावे को खारिज करते हुए भ्रामक खबर फैलाने का आरोप लगाया है। प्राधिकरण ने छह लेन की सड़क, सर्विस रोड व ड्रेन का निर्माण कराने के लिए निविदा जारी कर दी है। इसकी जानकारी होने पर कंपनी प्रबंधन ने शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता कर पूरे मामले में अपना रुख स्पष्ट किया। कंपनी के डायरेक्टर विनय कुमार मित्तल का कहना है कि प्रबंधन जनहित में सड़क का काम पूरा करने के लिए बाईं तरफ लगभग 10 एकड़ भूमि देने को तैयार है। इसके बदले में आसपास के क्षेत्र में इतनी ही जमीन देने और दाईं तरफ की जमीन को विकसित करने की योजना बनाने का प्रस्ताव अधिकारियों के समक्ष रखा था,लेकिन अधिकारी इस पर राजी नहीं हुए। प्राधिकरण पर भ्रामक खबर फैलाने का आरोप लगाते हुए हमारा कोई समझौता नहीं हुआ है।
प्राधिकरण सड़क बनाने के नाम पर बाईं तरफ की सारी जमीन लेना चाह रहा है,जो लगभग 48 एकड़ है। अधिकारियों से छह बार मिलने का प्रयास किया,लेकिन कोई नहीं मिला। पता चला है कि प्राधिकरण ने विकास कार्य के लिए निविदा भी जारी कर दी है। इस मुद्दे को लेकर हम शासन व प्रशासन के उच्चाधिकारियों से मिलेंगे। मुख्यमंत्री से भी मिलने का प्रयास किया जाएगा। बात न बनने पर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उनका कहना है कि प्राधिकरण ने उनकी जमीन पर अवैध तरीके से सड़क बना रखी है। इस सड़क का निर्माण 2009-10 में किया गया था। बात न बनने पर काम रुकवा दिया गया था। सड़क के अलावा टी-सीरीज कंपनी अपनी जमीन प्राधकरण को नहीं देगा।
वहीं टी-सीरीज समूह के प्रवक्ता की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि ग्रेटर नोएडा के नमोली गांव के पास लगभग 196 एकड़ जमीन वर्ष 1987 से टी सीरीज समूह के स्वामित्व और कब्जे में हैं। यह ग्रेटर नोएडा के गठन से पहले की है। कुछ वर्ष पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एलजी से शारदा विश्वविद्यालय गोलचक्कतर तक सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया,वो भी सहमति के बिना। विरोध करने पर कहा गया कि बदले में आसपास की समतुल्य जमीन दी जाएगी,लेकिन प्राधिकरण अपने वायदे से मुकर गया। दाईं तरफ जो सड़क बनी हुई है,उसका मुआवजा भी नहीं दिया गया।
कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि यदि प्राधिकरण सड़क में आने वाली जमीन के सापेक्ष में उसी क्षेत्र में बराबर जमीन दिए बिना सड़क बनाने की कोशिश करता है, तो उचित कानूनी कार्यवाही के द्वारा रुकवाने का काम किया जाएगा।
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