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नए नोएडा के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया मई से शुरू होगी

नए नोएडा के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया मई से शुरू होगी -मई से जमीन

Newswrap हिन्दुस्तान, नोएडाFri, 18 April 2025 06:14 PM
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नए नोएडा के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया मई से शुरू होगी

नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। नोएडा ने अब 50 वें साल में कदम रख दिया है। पांच दशक देख चुके इस शहर के नाम के साथ जोड़ते हुए अब नया नोएडा बसाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसे बसाने की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को ही मिली है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि अगले महीने से किसानों से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। मुआवजा रेट तय करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जमीन अधिग्रहण होने के बाद ले आउट प्लान तैयार किया जाएगा। नया नोएडा बुलंदशहर और दादरी के 80 गांवों की जमीन पर बसाया जाएगा। पिछले साल अक्तूबर महीने में शासन ने नए नोएडा के मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी दे दी थी। नए नोएडा को कागजों में दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इंवेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) नाम दिया गया है। नया नोएडा 209.11 वर्ग किलोमीटर में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इसके लिए 80 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी, जिसे नोटिफाई किया जा चुका है। इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। यह मास्टर प्लान एसपीए (स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट) दिल्ली ने बनाया है। ये शहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ग्रोथ इंजन होगा।

प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि नए नोएडा के मास्टर प्लान-2041 को प्राधिकरण की 210 वीं बोर्ड में रखा गया था। सितंबर 2023 में इस मास्टर प्लान पर आपत्तियां मांगी गईं, जिसके बाद 12 जनवरी 2024 को मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया था। इसे चार फेज में पूरा किया जाएगा। वर्ष 2023-27 तक इसके 3165 हेक्टेयर को विकसित किया जाएगा। इसी तरह 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया को विकसित किया जाएगा। इसके बाद 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और अंत में 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने की योजना है।

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जमीन अधिग्रहण की अलग-अलग प्रक्रिया

नोएडा में अधिकांश हिस्से की जमीन का अधिग्रहण धारा चार और छह के तहत जिला प्रशासन के जरिए किया गया। कुछ जगह किसानों से आपसी सहमति से जमीन ली गई। इसके अलावा यह भी विचार है कि गुरुग्राम की तर्ज पर सीधे डेवलपर को जमीन लेने का जिम्मा देते हुए लाइसेंस दिया जाए। इसमें प्राधिकरण उस एरिया का बाहरी विकास करेगा जबकि डेवलपर आंतरिक विकास। अधिकारियों का कहना है कि कि अभी कोशिश है कि आपसी सहमति से ही किसानों से जमीन ली जाए।

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शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा

अधिकारियों ने बताया कि नया नोएडा खासतौर से औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बसाया जाएगा। ऐसे में यहां पर सबसे ज्यादा एरिया औद्येागिक क्षेत्र के लिए 41 प्रतिशत चिह्नित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 41 प्रतिशत औद्योगिक संपत्ति के अलावा 11.5 प्रतिशत आवासीय, 17 प्रतिशत हरियाली और रिएक्शनल, 15.5 प्रतिशत में सड़क, 9 प्रतिशत संस्थागत और 4.5 प्रतिशत स्थान व्यावसायिक संपत्ति के लिए प्रयोग के लिए चिह्नित किया गया है। नए नोएडा में कर्मचारियों के लिए आवास की भी सुविधा होगी। माना जा रहा है कि इस शहर की कुल आबादी छह लाख में माइग्रेंट यानी प्रावासी की संख्या 3.5 लाख की होगी। इनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी प्रकार की यूनिट बनाई जाएंगी। इसके अलावा कुल आवासीय एरिया दो हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा। यह औद्योगिक नगरी के साथ-साथ शिक्षा की नगरी से भी जाना जाएगा। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त संख्या में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोले जाएंगे। यहां पर मेडिकल और पैरामेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे।

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इसलिए जरूरत पड़ी नए नोएडा बसाने की

नोएडा शहर का 95 प्रतिशत से अधिक हिस्सा विकसित हो चुका है। सिर्फ नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से सटकर कुछ नए सेक्टर विकसित किए जाने हैं। ऐसे में शहर का विस्तार करने के लिए अब यहां जमीन नहीं बची है। सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक ही नोएडा में 45 लाख 26 हजार 464 वर्ग मीटर जमीन पर अतिक्रमण है। इसको कब्जा मुक्त कराने में प्राधिकरण फेल साबित हो रहा है। अधिकारियों का कहना कि ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नया नोएडा बसाने की जरूरत पड़ी। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में आबादी बढ़ रही है। ऐसे में वहां पर कुछ हिस्सा आवासीय के लिए भी आरक्षित किया गया है।

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शिकागों की तर्ज पर विकसित होगा

पूरे शहर को एक साथ बसाने के बजाए इसे अलग-अलग चार जोन में बांटकर बसाया जाएगा। मास्टर प्लान तैयार करने वाली एसपीए ने शिकागो और अन्य यूरोपियन देशों की तर्ज पर इसे जोन में बांट विकसित करने का प्लान तैयार किया है। विशेष निवेश क्षेत्र करीब 210 वर्ग किलोमीटर में बसाया जाएगा। उदाहरण के तौर पर साउथ जोन, ईस्ट जोन, वेस्ट जोन, नार्थ जोन आदि में बांटा जाएगा। प्रत्येक जोन में अलग-अलग इंडस्ट्री का हब होगा। इसके बाद वर्ष 2041 तक पूरा नया नोएडा शहर बसा दिया जाएग।

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जेवर एयरपोर्ट से जुड़ेगा

सड़क से संपर्क मार्ग में जेवर एयरपोर्ट के साथ रेलवे संपर्क भी देने की तैयारी है। इसी तरह पानी सप्लाई के साथ ग्रीन एनर्जी बेस्ड डिवेलपमेंट की प्लानिंग नए नोएडा के लिए हुई है।

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भूमि अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़ का बजट

डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपये के बजट को नोएडा प्राधिकरण ने पिछले महीने हुई बोर्ड बैठक में मंजूरी दे दी थी। जमीन अधिग्रहण के समय इस राशि का प्रयोग किया जाएगा।

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नोएडा को 2021 में बसाने की जिम्मेदारी मिली

शासन ने 29 अगस्त 2017 में विशेष निवेश क्षेत्र गठित किया गया था, जिसको डीएनजीआईआर नाम दिया गया। शुरुआत में इसको बसाने की जिम्मेदारी यूपीसीडा को दी गई थी लेकिन बाद में आंशिक संशोधन किया गया। शासन ने 29 जनवरी 2021 इस क्षेत्र को बसाने का जिम्मा नोएडा प्राधिकरण को दिया गया।

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चार चरणों में ऐसे पूरा होगा काम

प्रथम चरण में 3165 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2027 तक पूर्ण किया जाना है।

द्वितीय चरण में 3798 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2032 तक पूर्ण किया जाना है।

तृतीय चरण में 5908 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2037 तक पूर्ण किया जाना है।

चतुर्थ चरण में 8230 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2041 तक किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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नए नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण करने का काम अगले महीने मई से शुरू कर दिया जाएगा। इसको देश के सबसे अच्छों शहर में से एक बनाएंगे।

- लोकेश एम, सीईओ, नोएडा प्राधिकरण

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