Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsSupreme Court Revokes Suspension of Tihar Jail Officer in Unitech Case

सुप्रीम कोर्ट ने जेल अधिकारियों को निलंबित करने के अपने आदेश को लिया वापस

सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक समूह के पूर्व प्रमोटरों को सुविधाएं देने के आरोप में तिहाड़ जेल के एक अधिकारी के निलंबन का आदेश वापस ले लिया। कोर्ट ने कहा कि किसी अधिकारी को अनिश्चितकाल तक निलंबित नहीं रखा...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 23 Jan 2025 08:33 PM
share Share
Follow Us on
सुप्रीम कोर्ट ने जेल अधिकारियों को निलंबित करने के अपने आदेश को लिया वापस

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यूनिटेक समूह के पूर्व प्रमोटरों को सुविधाएं प्रदान करने के आरोप में तिहाड़ जेल के एक अधिकारी को निलंबित करने के अपने आदेश को वापस ले लिया। शीर्ष अदालत ने यूनिटेक के मालिकों को जेल में विशेष सुविधाएं मुहैया के मामले पहली नजर में दोषी पाए जाने के बाद 6 अक्टूबर, 2021 को 32 जेल अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया था।

जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि ‘किसी भी अधिकारी को अनिश्चितकाल तक निलंबित रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि इससे सरकारी खजाने को काफी नुकसान होता है। पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारी 3.5 साल से अधिक समय से निलंबित हैं। पीठ ने 6 अक्टूबर, 2021 को जेल के 32 अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश पारित किया था। यह आदेश दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना द्वारा की गई जांच में संबंधित अधिकारियों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया पाए जाने के बाद पारित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश वापस लेते हुए तिहाड़ जेल के सक्षम प्राधिकारी को चार सप्ताह में सहायक अधीक्षक (जेल) चेतराम मीना के निलंबन पर निर्णय लेने को कहा है। तिहाड़ जेल की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1965 के तहत विभागीय जांच चल रही है और निलंबित अधिकारियों को अक्टूबर, 2024 में आरोपों का ज्ञापन दिया गया था। उन्होंने कहा कि कुल 32 अधिकारियों के निलंबन पर समीक्षा समिति द्वारा विचार किया गया था, लेकिन अदालत के आदेश के कारण इसे बढ़ा दिया गया था। भाटी ने पीठ से कहा कि न्यायालय सभी निलंबित अधिकारियों पर आदेश पारित करने पर विचार कर सकता है, भले ही केवल एक ही अधिकारी न्यायालय पहुंचा हो।

मीना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि उन्हें साढ़े तीन साल के लिए निलंबित किया गया था और विभागीय कार्यवाही अभी शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल को विभागीय कार्यवाही से कोई समस्या नहीं है, लेकिन मुझे अनिश्चित काल के लिए निलंबित नहीं रखा जा सकता। इसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि छह माह बाद निलंबित सरकारी अधिकारी को निर्वाह भत्ते के रूप में वेतन का 75 प्रतिशत और कोई काम न करने के बावजूद पूरी छुट्टी मिलती है। पीठ ने कहा कि यदि 6 अक्टूबर, 2021 को पारित निलंबन के निर्देश को अनिश्चित काल तक लागू रहने दिया गया, तो यह राज्य के खजाने के लिए हानिकारक होगा। पीठ को बताया गया कि कोर्ट के आदेश पर जिन 32 अधिकारियों को निलंबित किया गया था, उनमें से चार सेवानिवृत हो गए, अनुबंध पर काम करने वाले दो अधिकारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।

जेल अधिकारी चेतराम मीना ने 6 अक्टूबर, 2021 को पारित निलंबन के निर्देश को वापस लेने और जेल महानिदेशक दिल्ली द्वारा पारित 13 अक्टूबर, 2021 के निलंबन आदेश को रद्द करके उनकी सेवा में बहाली की मांग की थी। वह तिहाड़ जेल में जेल 7 में सहायक अधीक्षक के पद पर तैनात थे। जेल अधिकारियों पर यूनिटेक लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को विशेष सुविधाएं देने के आरोप था।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें