सीटीईटी परीक्षा देने वाली फर्जी महिला को जमानत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जो अपनी बहन की जगह केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में बैठने का प्रयास कर रही थी। न्यायालय ने कहा कि हिरासत में पूछताछ की...

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक महिला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। महिला पर अपनी बहन के बदले केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में बैठने का प्रयास करने का आरोप है। न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी. वराले की पीठ ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में उससे (आरोपी से) हिरासत में पूछताछ की जरूरत होगी। पीठ ने उसे प्रभावी जांच के लिए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा। पुलिस ने बताया कि बिहार के दरभंगा जिले के बहादुरपुर गांव की रहने वाली कुमारी शारदा को अपनी बड़ी बहन की जगह सीटीईटी में बैठने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया।
उन्होंने बताया कि आरोपी का बायोमेट्रिक और आधार विवरण वास्तविक परीक्षार्थी से मेल नहीं खाता। अभियोजन पक्ष ने कहा कि शारदा ने कथित तौर पर परीक्षा केंद्र पर अपना अपराध स्वीकार कर लिया था। यह है सीटीईटी परीक्षा सीटीईटी एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जो सीबीएसई द्वारा वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है, जिसका उद्देश्य केवीएस (केंद्रीय विद्यालय संगठन) और एनवीएस (नवोदय विद्यालय समिति) जैसे केंद्र सरकार के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति करना है।
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