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स्टारलिंक भारत में जल्द शुरू कर सकती है सेवा

एलन मस्क की स्टारलिंक को भारतीय अंतरिक्ष नियामक से मंजूरी मिलने की संभावना है। कंपनी ने वैश्विक मोबाइल व्यक्तिगत संचार लाइसेंस के लिए अधिकांश प्रावधानों का पालन करने पर सहमति जताई है। सुरक्षा संबंधी...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 3 March 2025 07:04 PM
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स्टारलिंक भारत में जल्द शुरू कर सकती है सेवा

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। एलन मस्क की स्टारलिंक को जल्द ही भारतीय अंतरिक्ष नियामक से मंजूरी मिल सकती है। बताया जा रहा है कि कंपनी सैटेलाइट द्वारा वैश्विक मोबाइल व्यक्तिगत संचार लाइसेंस हासिल करने के लिए अधिकांश प्रावधानों का पालन करने पर सहमत हो गई है, लेकिन सुरक्षा संबंधी कुछ आवश्यकताओं पर चर्चा चल रही है। संभावना है कि आने वाले दिनों में सुरक्षा संबंधी प्रावधानों पर सहमति बन जाएगी। सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने आवश्यक विवरण जमा कर दिया है। यह स्टारलिंक के लिए भारत में पहली नियामक मंजूरी होगी, जिसका लक्ष्य भारत में वाणिज्यिक ब्रॉडबैंड-फ्रॉम-स्पेस सेवाएं शुरू करना है। कंपनी उपयोगकर्ता टर्मिनलों के स्थानांतरण और उससे जुड़े प्रावधान का पालन करने के लिए सहमत हो गई है। कंपनी भारत में अपना नेटवर्क नियंत्रण और निगरानी केंद्र बनाने पर भी सहमत है। स्टारलिंक इस बात पर भी सहमत है कि वह यह भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों में गेटवे के माध्यम से डेटा रूट नहीं करेगा।

कंपनी का फिलहाल भारत के जमीनी सीमा वाले देशों में कोई गेटवे नहीं है, लेकिन कंपनी ने प्रतिबद्ध किया है कि भविष्य में जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों में गेटवे स्थापित करती है तो वह भारत से जुड़ा डेटा उनके माध्यम से नहीं भेजा जाएगा। लेकिन इस बार भी सुरक्षा के मोर्चों पर कई सारे बिंदु हैं, जिनको लेकर निरंतर चर्चा चल रही है। स्टारलिंक चाहती है कि भारत के साथ जल्द से जल्द सेवा शुरू करने वाले शर्तों पर आपसी सहमति बने, जिससे कि वह अपनी सेवा शुरू कर सके।

इन प्रावधानों पर चल रही है चर्चा

मौजूदा नियमों के अनुसार कंपनियों के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार 10 किलोमीटर तक निगरानी सुविधाएं प्रदान करना अनिवार्य हैं। सूत्रों का कहना है कि अब सरकार विचार कर रही है कि स्टारलिंक को एलईए से जुड़ी शर्तों में छूट प्रदान की जाए या नहीं। हालांकि सरकार पहले भी स्पष्ट कर चुकी है कि देश में कोई भी कंपनी आकर दूरसंचार से जुड़ी सेवाएं शुरू कर सकती है। उसमें किसी तरह की कोई रुकावट नहीं है लेकिन कंपनी को भारत से जुड़े नियमों का पालन करना होगा। अब बताया जा रहा है कि सरकार स्टारलिंक को कुछ प्रावधानों में बदलाव कर अनुमति देना चाहती है लेकिन सुरक्षा से जुड़े नियमों में कोई बदलाव होने की संभावना कम है। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि स्पेक्ट्रम प्रशासनिक रूप से या बिना नीलामी के आवंटित किया जाएगा।

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