सीमावर्ती गांव के लोग भूमिगत बंकर को कर रहे साफ
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते जम्मू क्षेत्र के ग्रामीण अपनी सुरक्षा के लिए तैयारियों में जुट गए हैं। वे भूमिगत बंकरों को साफ कर रहे हैं और फसलों की कटाई कर रहे हैं। सरकार ने पिछले वर्षों...

- भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच सीमा क्षेत्रों के ग्रामीण अपनी हिफाजत के लिए तैयारी में जुटे 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है भारत पाकिस्तान के साथ
221 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा और 744 किलोमीटर नियंत्रण रेखा जम्मू-कश्मीर में
जम्मू, एजेंसियां। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले ग्रामीण अपनी हिफाजत के लिए तैयारी में जुट गए हैं। वे भूमिगत बंकरों को साफ करने के साथ कंटीले तारों के पास स्थित खेतों में लगी फसलों की कटाई कर रहे हैं। पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी से निवासियों की सुरक्षा के लिए सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में हजारों भूमिगत सुरक्षित आश्रय स्थल बनाए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि हालांकि 2021 के बाद से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं कम हुई हैं। वर्ष 2021 में दोनों देशों ने संघर्ष विराम समझौते को नवीनीकृत किया था, लेकिन पहलगाम आतंकी हमलों के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों के बीच सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो गई हैं।
आरएस पुरा सेक्टर के त्रेवा गांव की पूर्व सरपंच बलबीर कौर ने कहा, कोई नहीं जानता कि आगे क्या होगा। हमने भूमिगत बंकर तैयार करने का फैसला किया है, ताकि सीमा पार से गोलीबारी की स्थिति में हम खुद को बचा सकें। भारत पाकिस्तान के साथ 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जिसमें से 221 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा और 744 किलोमीटर नियंत्रण रेखा जम्मू-कश्मीर में आती है।
सीमा के आसपास रहने वाले लोगों को पाकिस्तान की गोलाबारी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर 2017 में जम्मू, कठुआ और सांबा के पांच जिलों में 14,460 निजी और सामुदायिक बंकरों के निर्माण को मंजूरी दी थी। ये बंकर अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब बसे गांवों को कवर करते हैं। बाद में सरकार ने संवेदनशील आबादी के लिए 4,000 से ज़्यादा बंकर को मंजूरी दी थी।
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हम सेना के साथ, आतंक के खिलाफ हो निर्णायक कार्रवाई
बंकर सफाई अभियान की निगरानी कर रही बलबीर कौर ने कहा कि वे किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं और सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि हमारी सरकार सीमा पार बैठे आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करे। हम उन सभी लोगों का खात्मा चाहते हैं जिन्होंने निहत्थे और निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या की है। एक ग्रामीण सेवा राम ने बताया कि महिलाएं बंकरों की सफाई में व्यस्त हैं, जबकि पुरुषों ने गेहूं की खड़ी फसल की कटाई कुछ दिन पहले करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, हम निहत्थे सैनिक हैं और दुश्मन का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अधिकारियों ने बताया कि सांबा, कठुआ तथा पुंछ और राजौरी जिलों के गांवों से भी ऐसी ही सूचनाएं मिली हैं।
पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास स्थित सलोत्री गांव के निवासी मोहम्मद फारूक ने कहा, स्थिति तनावपूर्ण है और हम पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हमेशा की तरह अपने सैनिकों के पीछे मजबूती से खड़े हैं।
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