पाकिस्तान ड्रोन घुसपैठ के लिए कई शहरों में बना रहा लॉन्च पैड
पाकिस्तान ने भारत में ड्रोन घुसपैठ के लिए सीमावर्ती शहरों में लॉन्च पैड बनाए हैं। बीएसएफ ने इस साल 257 ड्रोन बरामद किए हैं, जिनमें से 184 लाहौर से आए हैं। सुरक्षा बलों ने ड्रोन घुसपैठ के खिलाफ...
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- खुफिया रिपोर्ट से मिली जानकारी, सीमावर्ती शहरों से जारी हैं भारत विरोधी गतिविधियां - सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से ज्यादातर प्रयास विफल हो रहे
257 ड्रोन इस साल अब तक भारत-पाक सीमा से बरामद हुए हैं
184 ड्रोन सबसे ज्यादा लाहौर से आए थे
42 ड्रोन लॉन्च किए गए नारोवाल शहर से
पंकज कुमार पाण्डेय
नई दिल्ली। पाकिस्तान अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है। अब पड़ोसी भारत में ड्रोन घुसपैठ के लिए अपने कई सीमावर्ती शहरों में लॉन्च पैड बना रहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस बात का खुलासा किया है।
पाकिस्तान के लाहौर, नरोवाल को भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बनाकर यहां से ड्रग्स, हथियार और गोला-बारूद भेजने की नई मुहिम चलाई जा रही है। बीएसएफ ड्रोन फोरेंसिक लैब से पता चला है कि सबसे ज्यादा 184 ड्रोन लाहौर से आए थे। यह शहर सड़क मार्ग से भारत से लगभग 33 किलोमीटर दूर है, लेकिन भारत-पाक सीमा से हवाई मार्ग के माध्यम से बहुत करीब है। नारोवाल शहर से 42 ड्रोन लॉन्च किए गए। यह लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। ड्रोन भेजने के लिए पाकिस्तान में ओकारा, बहावलनगर और टोबा टेक सिंह जैसी जगह भी शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान सीमा से लगातार जमीनी घुसपैठ या ड्रोन द्वारा घुसपैठ के प्रयास जारी हैं लेकिन सुरक्षा ग्रिड की मजबूती से ज्यादातर प्रयास विफल हो रहे हैं।
बीएसएफ ने सबसे अधिक संख्या में ड्रोन पकड़े
सूत्रों ने कहा कि फोरेंसिक जांच से पता चला है कि कुछ ड्रोन इंटरसेप्ट किए जाने से पहले कई बार आवाजाही कर चुके थे। आंकड़ों के अनुसार, बीएसएफ ने सबसे अधिक संख्या में ड्रोन पकड़े हैं। भारत-पाकिस्तान सीमा से इस साल 257 ड्रोन बरामद किए गए हैं।
एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात
ड्रोन घुसपैठ की बढ़ती कोशिशों के मद्देनजर बीएसएफ ने अवैध ड्रोन का मुकाबला करने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया है। जम्मू फ्रंटियर के गहराई वाले क्षेत्रों पर मजबूत प्रभुत्व बनाए रखने के लिए घुसपैठ-रोधी बल के तौर पर अतिरिक्त बटालियनों को तैनात किया गया है। सीमा क्षेत्र में सभी सहयोगी एजेंसियों के साथ नजदीकी समन्वय स्थापित किया गया है। जमीनी घुसपैठ के अलावा ड्रोन घुसपैठ के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है।
मुकाबले के लिए ये प्रयास भी किए जा रहे
सीमा पर एंटी-टनलिंग अभ्यास सख्ती से किए जा रहे हैं। बॉर्डर की सुरक्षा के लिए नई डिजाइन की बाड़ भी प्रस्तावित है। इस साल सीमा निगरानी के लिए बजट भी बढ़ाया गया है। सीमा की बेहतर निगरानी के लिए संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी/पीटीजेड और बुलेट कैमरे लगाए गए हैं। जम्मू फ्रंटियर के संवेदनशील क्षेत्रों में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए घुसपैठ-विरोधी मुहिम के तहत दो अतिरिक्त बटालियनों को शामिल किया गया है। परिस्थिति के अनुरूप सड़कें भी विकसित की जा रही हैं। कमांड एवं नियंत्रण केंद्रों और निगरानी ग्रिडों की स्थापना द्वारा गैप वाले इलाकों को कवर किया जा रहा है।
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