पानी के लिए 25 वर्षों का एक्शन प्लान तैयार कर रही है एनडीएमसी: कुलजीत सिंह चहल
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आगामी गर्मी के

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आगामी गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत से बचाव के लिए व्यापक तैयारियां कर रहा है। यही नहीं अगले 25 वर्षों के लिए भी एक एक्शन प्लान तैयार कर रहा है। एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने बताया कि 'समर एक्शन प्लान 2025' के तहत नई जल वितरण योजनाएं, अतिरिक्त जल टैंकर, पाइपलाइन सुधार और जल गुणवत्ता निगरानी जैसे ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि एनडीएमसी क्षेत्र में किसी भी नागरिक को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
चहल ने बताया कि एनडीएमसी की जल वितरण प्रणाली को और सुदृढ़ किया गया है तथा दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के साथ समन्वय स्थापित किया गया है ताकि पानी की आपूर्ति निर्बाध बनी रहे।
चहल ने बताया कि एनडीएमसी क्षेत्र में कुल 18,366 जल उपभोक्ता हैं, जिनमें 3,509 वाणिज्यिक कनेक्शन, 11,846 घरेलू कनेक्शन, और 3,011 अन्य प्रकार के कनेक्शन शामिल हैं। उन्होने बताया कि चार प्रमुख जल उपचार संयंत्रों से पानी की आपूर्ति मिलती है इनमें चंदावल जल संयंत्र (यमुना नदी), वजीराबाद जल संयंत्र (यमुना नदी), हैदरपुर जल संयंत्र (मुंनाक नहर, दिल्ली कैंट जलाशय से) और सोनिया विहार जल संयंत्र (गंगा जल, उत्तर प्रदेश से)
एनडीएमसी को दिल्ली जल बोर्ड से लगभग 125 एमएलडी और ट्यूबवेल से 2.08 एमएलडी पानी प्राप्त होता है।
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2025 में समर एक्शन प्लान के प्रमुख बिंदु
- जल संकट से बचाव के लिए जल टैंकरों की संख्या में वृद्धि करेगी। एनडीएमसी ने पानी की मांग को पूरा करने के लिए 8 नए जल टैंकर किराए पर और 12 नए सीएनजी जल टैंकर खरीदने का निर्णय लिया है। वर्तमान में एनडीएमसी के पास 10 बड़े जल टैंकर (9000 लीटर क्षमता वाले), 23 जल ट्रॉलियां (5000 लीटर क्षमता) और 2 ट्रैक्टर-टैंकर हैं।
-जलाशयों की दक्षता बढ़ाने के लिए मरम्मत और रखरखाव किया जाएगा। एनडीएमसी क्षेत्र में 24 भूमिगत जलाशय (यूजीआर) और बूस्टिंग स्टेशन हैं, जिनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए मरम्मत और रखरखाव कार्य तेज कर दिया गया है। प्रमुख जलाशयों में कालीबाड़ी कंट्रोल रूम,जोरबाग यूजीआर,विनय मार्ग यूजीआर शामिल हैं।
-जल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास एनडीएमसी करेगा जिसमें जल आपूर्ति लाइनों की नियमित सफाई एवं फ्लशिंग।
यमुना से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा की नियमित निगरानी। पानी के नमूनों की नियमित गुणवत्ता जांच शामिल है।
- जल आपूर्ति नेटवर्क का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसके तहत पुरानी एवं जर्जर पाइपलाइनों को बदलने का कार्य किया जाएगा। विभिन्न यूजीआर को जोड़ने के लिए दिल्ली जल बोर्ड से अनुरोध किया गया है और पाइपलाइन नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए नई पाइपों की स्थापना करना शामिल है।
- संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगा। एनडीएमसी ने उन क्षेत्रों की पहचान की है, जहां गर्मी में जल संकट की संभावना अधिक रहती है जैसे, गोल मार्केट, राष्ट्रपति भवन एवं संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक, आरएमएल अस्पताल और मंदिर मार्ग और कनॉट प्लेस। राष्ट्रपति भवन और संसद भवन के लिए 24 घंटे जल आपूर्ति आरक्षित रखी गई है। किसी भी आपात स्थिति में एनडीएमसी जल टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित करेगा।
-शिकायत निवारण एवं आपातकालीन हेल्पलाइन
एनडीएमसी ने जल संकट से संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए 24x7 जल नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। नागरिक निम्नलिखित माध्यमों से शिकायत दर्ज करा सकते हैं:
टोल फ्री कॉल सेंटर: 1533
कंट्रोल रूम हेल्पलाइन: 011-23743642, 011-23360683
व्हाट्सएप नंबर: 858 888 7773
एनडीएमसी 311 मोबाइल ऐप
क्षेत्रीय जल कर्मियों से सीधा संपर्क
नई परियोजनाएं एवं दीर्घकालिक योजना
एनडीएमसी क्षेत्र में 24x7 जल आपूर्ति परियोजना (फेस 1) के तहत जल आपूर्ति नेटवर्क को अपग्रेड किया जाएगा। नई पाइपों और पंपों की स्थापना की जाएगी, जल वितरण प्रणाली को ऑटोमेशन से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना के लिए 1.67 करोड़ रूपय की मंजूरी दी गई है।
-पूरे एमडीएमसी क्षेत्र के जल आपूर्ति नेटवर्क का विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है, जिससे अगले 25 वर्षों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
- स्मार्ट जल मीटर की स्थापना की जाएगी। 15,312 नए स्मार्ट मीटर स्थापित किए जाएंगे, जिनकी लागत 32.10 करोड़ होगी।
5,397 खराब जल मीटरों को बदला जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 14.10 करोड़ है।
-झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टर्स में जल आपूर्ति सुधार के लिए 'हर घर जल' पहल के तहत 34 झुग्गी क्लस्टर्स में जल आपूर्ति परियोजना शुरू की जाएगी जिससे 9,386 (झुग्गी क्लस्टर्स) घरों को पाइपलाइन से जल आपूर्ति मिलेगी। इसके लिए 7.15 करोड़ की लागत से यह परियोजना क्रियान्वित की जाएगी।
यह परियोजना अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत चलाई जाएगी।
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