सेंसेक्स शिखर से 11 हजार अंक नीचे आया
मुंबई में वाहन शेयरों में बिकवाली और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी के चलते सेंसेक्स 424.90 अंक गिरकर 75,311.06 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 117.25 अंक की गिरावट के साथ 22,795.90 पर आ गया। बाजार...
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मुंबई, एजेंसी। वाहन शेयरों में बिकवाली और विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी जारी रहने से प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 424.90 अंक गिरकर 75,311.06 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 117.25 अंक गिरकर 22,795.90 पर आ गया। बीते साल 27 सितंबर को बनाए 85,978.25 के शिखर से सेंसेक्स अब तक 10,667.19 अंक नीचे आ चुका है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी और ट्रंप की शुल्क लगाने की चेतावनियों ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। गौरतलब है कि विदेशी संस्थागत निवेशक अक्तूबर 2024 से ही बिकवाल बने हुए हैं और इन्य बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं।
बाजार के जानकारों ने कहा कि एफआईआई की लगातार निकासी, रुपये में गिरावट, महंगे मूल्यांकन और अमेरिका के शुल्क लगाने की आशंका जैसे नकारात्मक कारकों के चलते निवेशक भारतीय शेयर बाजारों से दूर हैं। स्थानीय शेयर बाजारों ने एशियाई और यूरोपीय बाजारों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया। घरेलू बाजार में व्यापक आधार पर कमजोर रुख जारी रहा, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख को लेकर निवेशकों की चिंता थी। अगर अमेरिका में लंबे समय तक ब्याज दरें अधिक रहीं, तो उभरते बाजारों में नकदी बाधित हो सकती है। भारत फिलहाल अपने एशिया के अन्य उभरते देशों से पीछे है, क्योंकि एफआईआई निकासी अधिक बनी हुई है। भारत में बेचो, चीन में खरीदो की रणनीति फिलहाल लाभ दे रही है।
बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.18 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक में 0.43 प्रतिशत की गिरावट आई। क्षेत्रवार सूचकांकों की बात करें तो ऑटो में 2.60 फीसदी, उपभोक्ता विवेकाधीन वस्तुओं में 1.49 फीसदी, तेल एवं गैस में 1.42 फीसदी, रियल्टी में 1.33 फीसदी, दूरसंचार में 1.19 फीसदी और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में 0.87 फीसदी गिरावट आई। एकमात्र धातु क्षेत्र में 1.23 फीसदी की तेजी रही। इस दौरान 2,246 शेयर गिरकर बंद हुए, जबकि 1,701 शेयरों में तेजी हुई। कुल 113 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
स्मॉल व मिडकैप पर टिप्पणी की जरूरत नहीं:बुच
सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने शुक्रवार को कहा कि पूंजी बाजार नियामक को स्मॉल व मिडकैप के शेयरों में हाल में आई भारी गिरावट पर टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है। बुच ने पिछले वर्ष मार्च में इन्हीं शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन पर दिए गए अपने बयान का हवाला देते हुए कहा कि सेबी ने जब इसकी जरूरत महसूस की थी, तब उसने ऊंचे मूल्यांकन पर अपनी चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा, मिडकैप और स्मॉलकैप के बारे में, मेरा मानना है कि एक समय ऐसा आया जब नियामक को इस बारे में टिप्पणी करने की जरूरत महसूस हुई और टिप्पणी की गई। आज, नियामक को अतिरिक्त टिप्पणी करने की कोई जरूरत महसूस नहीं हो रही है। बुच ने मार्च 2024 में नियामक की ओर से एक दुर्लभ टिप्पणी में दोनों खंडों में उच्च मूल्यांकन को लेकर चिंता जाहिर की थी। गौरतलब है कि स्मॉल व मिडकैप के शेयर मंदी के दौर में हैं। कुछ शेयरों में लगातार 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
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