केरल की 40 फीसदी श्रवण बाधित महिला ने पास की सिविल सेवा परीक्षा
तिरुवनंतपुरम की निशा उन्नीराजन ने 40 प्रतिशत श्रवण बधिरता और दो बच्चों की परवरिश के बावजूद सिविल सेवा परीक्षा में 1000 वां स्थान हासिल किया। उन्होंने स्व अध्ययन के माध्यम से इस सफलता को प्राप्त किया...

तिरुवनंतपुरम, एजेंसी उम्र 40, दो बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी और उस पर 40 प्रतिशत श्रवण बधिरता। इतनी चुनौतियों के बाद भी केरल की महिला ने हौसला नहीं हारा और सिविल सेवा परीक्षा में 1000 रैंक हासिल कर एक मिसाल प्रस्तुत की है।
तिरुवनंतपुरम की निशा उन्नीराजन महा लेखाकार कार्यालय में सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के रूप में सेवारत हैं। उनके दो बच्चें और उन्हें 40 प्रतिशत तक श्रवण बधिरता है। बावजूद इसके उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 1000 वीं रैंक हासिल की है।
उन्नीराजन ने बताया कि वह हमेशा से सिविल सेवा की परीक्षा देना चाहती थीं लेकिन परिस्थितिवश 35 साल की उम्र तक वह परीक्षा में शामिल नहीं हो पाईं। फिर उन्होंने फैसला लिया कि यदि कठिन परिश्रम किया जाए तो उम्र मायने नहीं रखती और वह परीक्षा देंगी।
इस दौरान सामने आई विभिन्न चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने माना कि उनकी श्रवण बधिरता निश्चित तौर पर एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि वह कक्षा में बैठ किसी दूसरे को सुनकर पढ़ाई नहीं कर सकती थीं। ऐसे में उन्होंने स्व अध्ययन करके ही यह सफलता हासिल की। उन्होंने उपलब्धि के लिए अपने माता-पिता, पति, बच्चों व वरिष्ठों के सहयोग को भी महत्वपूर्ण बताया।
निशा उन्नीराजन को उनकी सफलता पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ‘एक्स पर शुभकामनाएं दीं हैं। थरूर ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘अभी भी देरी नहीं हुई है- एक प्रेरणादायक कहानी! तिरुवनंतपुरम की 40 वर्षीय बधिर महिला ने अपने दो बच्चों की परवरिश करते हुए सिविल सेवा परीक्षा पास की, बधाई निशा उन्नीराजन।
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