किसानों को मजबूरी में उपज नहीं बेचना पड़ेगा : शिवराज
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025 का उद्घाटन किया। उन्होंने किसानों को उनकी उपज के सही मूल्य दिलाने के लिए सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। चौहान ने नई बीज किस्मों...
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- केंद्रीय कृषि मंत्री ने पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025 का उद्घाटन किया नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के उपाय कर रही है कि किसानों को अपनी उपज, विशेष रूप से फलों-सब्जियों को औने-पौने दामों पर न बेचना पड़े। उन्होंने 22-24 फरवरी तक आयोजित होने वाले पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025 का उद्घाटन करने के बाद ये बातें कही।
चौहान ने प्रयोगशालाओं से बीजों की नई किस्मों और प्रौद्योगिकियों को किसानों तक जल्द से जल्द ले जाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार समस्याओं को समझने के लिए किसानों के साथ ही उनके संगठनों के जरिये सीधे चर्चा कर रही है और फिर समाधान के लिए योजनाएं बना रही है। मंत्री ने कहा, जहां-जहां समस्याएं दिख रही हैं, हम योजनाएं बना रहे हैं।
चौहान ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया। चौहान ने कहा कि सरकार ने चावल और प्याज पर निर्यात प्रतिबंध हटा दिए हैं, जबकि खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने टमाटर की कीमतों में गिरावट को देखते हुए किसानों की मदद के लिए कदम उठाए हैं और आंध्र प्रदेश के लाल मिर्च किसानों के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, मैं अपने कृषक समुदाय को भरोसा देना चाहता हूं कि हम किसानों की भलाई के लिए सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे। चिंता न करें। उन्होंने कहा, कुछ मुद्दे हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है। खेत के स्तर पर कीमतें कम हैं और उपभोक्ता उच्च दरों का भुगतान कर रहे हैं। बीच में लाभ कौन लेता है? लाभ मार्जिन कम होना चाहिए। फलों-सब्जियों के लिए खेत के मूल्य और उपभोक्ता मूल्य के बीच का अंतर कम होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि किसानों को अपनी उपज औने-पौने दामों पर न बेचनी पड़े। चौहान ने दाल, उड़द और तुअर उगाने वाले किसानों को पूर्ण एमएसपी समर्थन का आश्वासन दिया।
नई किस्मों को जल्द से जल्द खेतों तक ले जाने की जरूरत
खाद्यान्न उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए चौहान ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए नई किस्मों और प्रौद्योगिकी को जल्द से जल्द खेतों तक ले जाने की जरूरत है। चौहान ने बहुफसलीय खेती पर जोर देते हुए कहा कि किसान एक ही जमीन पर कई तरह की खेती करके अधिक लाभ कमा सकते हैं।
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