सिंधु जलसंधि निलंबन से पाकिस्तान पर तगड़ा वार: हिमंत
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत का सिंधु जल संधि को निलंबित करना एक नई आक्रामक कूटनीति की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि यह जल सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा...

गुवाहाटी, एजेंसी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय आक्रामक कूटनीति के नए युग की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि इस संधि को निलंबित करना भारत का पलटवार है क्योंकि जल सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई है। मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन में आतंकवादियों ने हमला कर 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इसके बाद पाकिस्तान को निशाना बनाते हुए भारत ने बुधवार को उससे राजनयिक संबंधों को कम करने की घोषणा की और कई कदम उठाए, जिनमें पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के निष्कासन, 1960 की सिंधु जल संधि का निलंबन और अटारी भूमि पारगमन चौकी को तत्काल बंद करना शामिल है।
सरमा ने भारत के निर्णयों की सराहना करते हुए एक्स पर लिखा, ‘भारत ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने छह दशकों से अधिक समय तक इस संधि का सम्मान किया और अब इसे निलंबित कर यह स्पष्ट कर दिया है कि ‘आतंकवाद को समर्थन देने वाले राष्ट्र के साथ जल सहयोग जारी नहीं रह सकता। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तान की 90 प्रतिशत से अधिक कृषि सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है।
उन्होंने कहा, इससे जहां पाकिस्तान में खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी वहीं, 2000 से 3000 मेगावाट बिजली उत्पादन का नुकसान होगा, जो उच्च प्रवाह के दौरान ग्रिड क्षमता का 20–25 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, ‘यह साहसिक कदम एक ऐसे नए युग की शुरुआत है, जहां जल सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ जोड़ा गया है। शुरुआत हो चुकी है, भारत इसे तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएगा। पाकिस्तान को समझना चाहिए कि यह नया भारत है।
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