केंद्र-किसानों की छठे दौर की वार्ता बेनतीजा
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच शनिवार को चंडीगढ़ में छठे दौर की वार्ता बेनतीजा रही। बैठक में एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों...

अगली बैठक 19 मार्च को होगी, कृषि मंत्री शिवराज बोले, बैठक अच्छे माहौल में हुई चंडीगढ़, एजेंसियां। फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल और केंद्र सरकार के बीच शनिवार को चंडीगढ़ में छठे दौर की वार्ता बेनतीजा रही। करीब तीन घंटे चली बैठक में कोई हल नहीं निकला। अब अगली बैठक 19 मार्च को चंडीगढ़ में ही होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक के बाद कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। हमने सरकार की प्राथमिकताएं किसानों के सामने रखीं। किसानों की भी बातें सुनीं। किसानों के पास अपने आंकड़े हैं और केंद्र सरकार के पास अपना डेटा है। दोनों आंकड़ों को मिलाया जाएगा।
प्रदर्शनकारी किसानों और चौहान के नेतृत्व वाली केंद्रीय टीम के बीच शनिवार शाम को नए दौर की वार्ता हुई, जिसमें फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित किसानों की विभिन्न मांगों पर चर्चा की गई। केंद्र की ओर से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी और पीयूष गोयल भी बैठक में शामिल हुए।
चौहान ने बताया कि केंद्रीय दल ने बैठक के दौरान किसानों के समक्ष किसान कल्याण कार्यक्रम को रखा, जो मोदी सरकार की प्राथमिकता है। करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद मंत्री ने कहा, हमने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर के विचार सुने। बहुत अच्छी चर्चा हुई। चर्चा जारी रहेगी और अगली बैठक 19 मार्च को चंडीगढ़ में होगी। चौहान ने हालांकि मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। इससे पहले चौहान और जोशी शाम छह बजकर पांच मिनट पर 28 सदस्यीय किसान प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए बैठक स्थल महात्मा गांधी लोक प्रशासन संस्थान पहुंचे। बैठक में पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, गुरमीत सिंह खुड्डियां और लाल चंद कटारूचक भी मौजूद थे। जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर समेत किसानों का प्रतिनिधिमंडल पहले ही बैठक स्थल पर पहुंच गया था।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, क्योंकि सुरक्षा बलों ने उन्हें अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी थी।
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने, किसानों के खिलाफ पुलिस मामलों को वापस लेने और उत्तर प्रदेश में 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी मांगों का हिस्सा है।
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अनशन खत्म करने की अपील की
बैठक में केंद्रीय मंत्रियों शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल ने किसान नेता 70 वर्षीय जगजीत सिंह डल्लेवाल से अनशन खत्म करने की अपील की। डल्लेवाल ने उनसे कहा कि जब तक सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी नहीं मिलती अनशन खत्म नहीं होगा। मालूम हो कि डल्लेवाल केंद्र पर आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर, 2024 से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं।
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