शिक्षा : सात राज्यों के लिए एक समान बोर्ड की सिफारिश
शिक्षा मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश, असम, केरल, मणिपुर, ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के लिए कक्षा 10 और 12 के लिए एक समान बोर्ड अपनाने की सिफारिश की है। पिछले साल 66 प्रतिशत छात्र फेल हुए थे। एक समान...

शिक्षा मंत्रालय ने सात राज्यों को कक्षा 10 और 12 के लिए एक समान बोर्ड अपनाने की सिफारिश की है। स्कूल शिक्षा विभाग के विश्लेषण में पाया गया कि पिछले साल 66 प्रतिशत छात्र फेल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि ये सात राज्य आंध्र प्रदेश, असम, केरल, मणिपुर, ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल हैं। स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा कि कक्षा 10 और 12 के लिए एक समान बोर्ड स्कूली शिक्षा को आसान बनाने का तरीका है। एक समान बोर्ड न होने से शैक्षणिक परिणाम खराब होते हैं। हमने इन राज्यों को एक समान बोर्ड अपनाने की सिफारिश की है।
देश में कुल 66 स्कूल परीक्षा बोर्ड हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय स्तर के बोर्ड और 63 राज्य स्तर के बोर्ड (54 नियमित और 12 ओपन बोर्ड) शामिल हैं। शीर्ष 33 बोर्ड 97 प्रतिशत छात्रों को कवर करते हैं, जबकि शेष 33 बोर्ड केवल 3 प्रतिशत छात्रों को कवर करते हैं। इन राज्यों में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) की भूमिका असफल छात्रों को शिक्षा से जोड़ने में महत्वपूर्ण हो गई है। दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा (जहां विफलता दर सबसे कम है) के आसपास एनआईओएस की वर्तमान प्रमुखता को अन्य राज्यों में विस्तारित करने की जरूरत है। इन मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया, पाठ्यक्रम, पेपर सेटिंग, पदोन्नति (अगली कक्षा में), परीक्षा अवधि के मानकीकरण पर भी बोर्डों को ध्यान देने की जरूरत है। विश्लेषण ने बताया कि ओपन स्कूल बोर्ड ने खराब प्रदर्शन किया, जिसमें कक्षा 10 के केवल 54 प्रतिशत और कक्षा 12 के 57 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। कुमार ने कहा कि एनआईओएस जैसे संस्थानों को समग्र शिक्षा अभियान और अभिभावकों की बढ़ती भागीदारी द्वारा समर्थित ड्रॉपआउट को रोकने के प्रयासों को आगे बढ़ाना चाहिए। देशभर में वर्ष 2024 में फेल हुए छात्र 22.17 लाख छात्र 10वीं में फेल हुए 20.16 लाख छात्र 12वीं मे फेल हुए
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