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इलेक्ट्रिक बसों के लिए डीटीसी के 20 डिपो तैयार

:::सुविधा:: नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। दिल्ली की सड़कों से अगले साल तक सभी सीएनजी बसें

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 28 Dec 2024 07:33 PM
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इलेक्ट्रिक बसों के लिए डीटीसी के 20 डिपो तैयार

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। दिल्ली की सड़कों से अगले साल तक सभी सीएनजी बसें हट जाएंगी। डीटीसी के बेड़े में इनके स्थान पर नए साल में नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल हो जाएंगी। इसके लिए डीटीसी ने अपने डिपो को तैयार करना शुरू कर दिया है। परिवहन निगम के 44 में से 20 डिपो में विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है और इनसे बसों का संचालन भी शुरू हो गया है। अब बाकी 22 डिपो को तैयार करने के लिए मार्च 2025 तक का लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली में सभी इलेक्ट्रिक बसें आ जाने पर यात्रियों का सफर और भी सहूलियत भरा हो जाएगा। डीटीसी की अधिकांश बसें ऐसी हैं जो 7.5 लाख किलोमीटर का निर्धारित सफर पूरा कर चुकी हैं और इनकी मियाद खत्म हो चुकी हैं। परिवहन निगम इन पुरानी बसों को चरणबद्ध तरीके से परिचालन से बाहर कर रहा है, ताकि एक साथ बसों की कमी न हो। जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक बसों की उपलब्धता हो रही है, वैसे ही मियाद पूरी कर चुकी बसों को बेड़े से बाहर किया जा रहा है। डीटीसी ने अब अपने डिपो में इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम तेज कर दिया है। दिल्ली परिवहन निगम के मुताबिक 44 में से 20 डिपो तैयार हो चुके हैं, जबकि अन्य 22 डिपो में विद्युतीकरण का काम चल रहा है। इनका काम भी तीन महीनों में यानी मार्च 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद इन डिपो से भी इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।

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इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 1632 हुईं

दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक उनके बेड़े में अब तक 1632 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हो चुकी हैं। दिसंबर माह में 30 नई बसों को बेड़े में शामिल किया गया है। इससे पहले 1602 बसों का परिचालन किया जा रहा था। विभाग का कहना है कि जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों की एक और खेप मिलने वाली है।

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ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिया गया

डीटीसी में भी इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ रही है। इसकी वजह से परिवहन निगम ने अपने संविदा ड्राइवरों को भी इलेक्ट्रिक बसों की ट्रेनिंग दिलाई है। सात दिवसीय इस ट्रेनिंग में बसों के मैकेनिज्म से लेकर, बैटरी, तकनीक की बारीकियों की जानकारी दी गई है। दो दिन उन्हें वर्कशॉप में ट्रेनिंग दी गई है और दो दिन रूट पर ले जाकर प्रशिक्षित किया गया है।

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